UP VDO Practice Set -अगर आप UP VDO परीक्षा के लिए प्रैक्टिस सेट सर्च कर रहे हैं तो आप बिल्कुल सही पोस्ट पर है इस पोस्ट पर आपको UPSSSC VDO Exam संबंधित प्रैक्टिस सेट मिलेंगे .
UPSSSC VDO Re-examination की परीक्षा जल्दी ही भविष्य में आयोजित होने वाली है इस परीक्षा में जनरल हिंदी रिजनिंग जनरल नॉलेज आदि सब्जेक्ट से प्रश्न पूछे जाएंगे इस परीक्षा में अधिक से अधिक इसको अंक हासिल करने के लिए अधिक से अधिक प्रैक्टिस की आवश्यकता होगी अतः सभी की आवश्यकता को देखते हुए Rojgarbook Team टीम द्वारा जनरल हिंदी से संबंधित प्रैक्टिस सेट उपलब्ध कराएं जा रहे हैं यह VDO Practice Set प्रैक्टिस सेट आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होंगे तथा प्रैक्टिस सेट प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस से बनाए गए हैं अतः सभी प्रश्न आपके परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं । दोस्तों अगर आपको यह प्रैक्टिस सेट महत्वपूर्ण उप अगर आप अगर आप अगर आपयोगी लगे तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
UPSSSC VDO Exam Pattern
किसी भी परीक्षा को अटेंड करने से पहले उसको सिलेबस के बारे में और एग्जाम पैटर्न के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए इसके लिए UP VDO परीक्षा के लिए एग्जाम पैटर्न नीचे दिया गया है
UPSSSC VDO Exam एक वस्तुनिष्ठ आधारित लिखित परीक्षा होगी। VDO लिखित परीक्षा में 3 खंड होते हैं जो (i) हिंदी ज्ञान और लेखन, (ii) सामान्य बुद्धि परीक्षण, (iii) सामान्य ज्ञान हैं।
खंडवार अंक वितरण और प्रत्येक खंड के प्रश्न संख्या नीचे दी गई तालिका में हैं।
खंड | प्रश्नों की संख्या | कुल मार्क्स |
हिंदी ज्ञान और लेखन | 50 | 100 |
सामान्य बुद्धि परीक्षण | 50 | 100 |
सामान्य ज्ञान | 50 | 100 |
योग | 150 | 300 |
UP VDO Exam Practice SetGeneral Hindi Set 2 |
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Question 1 of 25
1. Question
1 pointsQ.धीरे-धीरे में कौन सा समास है ?
(a) द्वन्द्व
(b) अव्ययीभाव
(c) कर्मधारय
(d) द्विगु समास -
Question 2 of 25
2. Question
1 pointsQ.धनुर्बाण’ में किस तरह का समास है
(a) तत्पुरुष
(b) बहुव्रीहि
(c) कर्मधारय
(d) द्वन्द्व -
Question 3 of 25
3. Question
1 pointsQ.इनमें ‘शत्रु’ का पर्यायवाची कौन सा नहीं है?
(a) अहि
(b) अरि
(c) रिपु
(d) बैरी -
Question 4 of 25
4. Question
1 pointsQ.कौन-सा शब्द ‘इन्द्र’ का पर्यायवाची नहीं है?
(a) पुरंदर
(b) शक्र
(c) मघवा
(d) गणाधिप -
Question 5 of 25
5. Question
1 pointsQ.स्पृश्य’ का विलोम शब्द है –
(a) स्पृस्य
(b) अस्पृस्य
(c) अश्पृष्य
(d) अस्पृश्य -
Question 6 of 25
6. Question
1 pointsQ.ध्वंस’ शब्द का विलोम शब्द क्या है?
(a) विध्वंस
(b) निर्माण
(c) तुल्य
(d) प्राकृतिक -
Question 7 of 25
7. Question
1 pointsQ.निम्नलिखित में से कौन सा शब्द तत्सम नहीं है?
(a) कपाट
(b) कीटक
(c) कूची
(d) कुम्भकार -
Question 8 of 25
8. Question
1 pointsQ.लवण’ का तद्भव क्या होगा?
(a) नोन
(b) नमक
(c) लवण
(d) क्षार -
Question 9 of 25
9. Question
1 pointsQ.दो या दो से अधिक अत्यन्त समीपस्थ वर्गों के मेल से
जो परिवर्तन होता है, वह है
(a) संधि-विच्छेद
(b) व्यंजन
(c) स्वर
(d) संधि -
Question 10 of 25
10. Question
1 pointsQ.संहार’ का सही संधि-विच्छेद क्या होता है?
(a) सन + हार
(b) सन् + हार
(c) सम + हार
(d) सम् + हार -
Question 11 of 25
11. Question
1 pointsQ.’गुरु के समीप रह कर शिक्षा ग्रहण करने वाला’ के
लिए एक शब्द है
(a) गुरुकुलवासी
(b) छात्रावासी
(c) अन्तेवासी
(d) आश्रमवासी -
Question 12 of 25
12. Question
1 pointsQ.उच्च कुल में पैदा व्यक्ति
(a) धनी
(b) सवर्ण
(c) श्रेष्ठ
(d) कुलीन -
Question 13 of 25
13. Question
1 pointsQ.”अंधे के हाथ बटेर लगना” कहावत का आशय क्या है?
(a) अंधा भी अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकता है।
(b) किसी अयोग्य व्यक्ति को महत्वपूर्ण वस्तु प्राप्त हो जाना।
(c) भाग्य से कोई वस्तु मिल जाना।
(d) बिना परिश्रम के सफलता मिल जाना। -
Question 14 of 25
14. Question
1 pointsQ.गाँठ का पूरा’ मुहावरे का अभिप्राय है
(a) विघ्न आना
(b) बेफिक्र होना
(c) शक्तिहीन
(d) मालदार -
Question 15 of 25
15. Question
1 pointsQ.निम्न में से शुद्ध वाक्य पहचानिए
(a) वाह! कितना घृणित दृश्य है
(b) ओह! कितना घृणित दृश्य है।
(c) छि! कितना घृणित दृश्य है।
(d) आह! कितना घृणित दृश्य है। -
Question 16 of 25
16. Question
1 pointsQ.शब्दानुक्रम में सही वाक्य है
(a) वह गरीब आदमी था।
(b) वह आदमी गरीब था।
(c) था वह गरीब आदमी।
(d) था गरीब वह आदमी। -
Question 17 of 25
17. Question
1 pointsQ.इनमें से कौन पुल्लिंग नहीं है?
(a) बचपन
(b) वायु
(c) समुद्र
(d) कम्बल -
Question 18 of 25
18. Question
1 pointsQ.’गौ’ शब्द का वचन पहचानिए।
(a) सदा बहुवचन
(b) एकवचन
(c) सदा एकवचन
(d) बहुवचन -
Question 19 of 25
19. Question
1 pointsQ.क्रियापरक व्याकरणिक कोटि चिह्नित कीजिए।
(a)कारक
(b) लिंग
(c) वचन
(d) पक्ष -
Question 20 of 25
20. Question
1 pointsQ.निम्नांकित में से शुद्ध शब्द कौन सा है?
(a) अन्ताक्षरी
(b) अंत्याक्षरी
(c) अंत्याक्षरि
(d) अंताक्ष्यरी -
Question 21 of 25
21. Question
1 pointsQ.निम्न में शुद्ध रूप कौन सा है
(a) प्रदर्शिनी
(b) प्रदर्शनी
(c) प्रर्दशिनी
(d) प्रदर्शिनी -
Question 22 of 25
22. Question
1 pointsQ.निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द ‘हंस’ की जगह
प्रयुक्त नहीं किया जा सकता है?
(a) सूर्य
(b) योगी
(c) श्वेत
(d) अमृत -
Question 23 of 25
23. Question
1 pointsनिर्देश दिये गए निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों
के उत्तर दिजिए।
तत्परता हमारी सबसे मूल्यवान संपत्ति है। इसके द्वारा
विश्वसनीयता प्राप्त होती है। वे लोग जो सदैव जागरूक रहते हैं,तत्काल कर्मरत हो जाते हैं और जो समय के पाबन्द हैं, वे सर्वत्र विश्वास के पात्र समझे जाते हैं। वे मालिक जो स्वयं कार्यतत्पर होते हैं, अपने कर्मचारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनते हैं और काम की उपेक्षा करने वालों के लिए अंकुश का काम करते हैं। वे अनुशासन का साधन भी बनते हैं। इस प्रकार अपनी उपयोगिता और सफलता में अभिवृद्धि करने के साथ-साथ वे दूसरों की उपयोगिता और सफलता के भी साधन बनते हैं। एक आलसी व्यक्ति हमेशा ही अपने कार्य को भविष्य के लिए स्थगित करता जाता है, वह समय से पिछड़ता जाता है और इस प्रकार अपने लिए ही नहीं दूसरों के लिए भी विक्षोभ का कारण बनता है। उसकी सेवाओं का कोई आर्थिक मूल्य नहीं समझा जाता है। कार्य के प्रति उत्साह और उसे शीघ्रता से संपन्न करना। कार्य-तत्परता के दो प्रमुख उपादान है जो समृद्धि की प्राप्ति में उपयोगी बनते हैं।
Q. उपर्युक्त अवतरण का उपयुक्त शीर्षक दीजिए:
(a) कार्य-कुशलता
(b) कार्य-उपयोगिता
(c) कार्य-तत्परता
(d) जागरूकता -
Question 24 of 25
24. Question
1 pointsनिर्देश दिये गए निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों
के उत्तर दिजिए।
तत्परता हमारी सबसे मूल्यवान संपत्ति है। इसके द्वारा
विश्वसनीयता प्राप्त होती है। वे लोग जो सदैव जागरूक रहते हैं,तत्काल कर्मरत हो जाते हैं और जो समय के पाबन्द हैं, वे सर्वत्र विश्वास के पात्र समझे जाते हैं। वे मालिक जो स्वयं कार्यतत्पर होते हैं, अपने कर्मचारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनते हैं और काम की उपेक्षा करने वालों के लिए अंकुश का काम करते हैं। वे अनुशासन का साधन भी बनते हैं। इस प्रकार अपनी उपयोगिता और सफलता में अभिवृद्धि करने के साथ-साथ वे दूसरों की उपयोगिता और सफलता के भी साधन बनते हैं। एक आलसी व्यक्ति हमेशा ही अपने कार्य को भविष्य के लिए स्थगित करता जाता है, वह समय से पिछड़ता जाता है और इस प्रकार अपने लिए ही नहीं दूसरों के लिए भी विक्षोभ का कारण बनता है। उसकी सेवाओं का कोई आर्थिक मूल्य नहीं समझा जाता है। कार्य के प्रति उत्साह और उसे शीघ्रता से संपन्न करना। कार्य-तत्परता के दो प्रमुख उपादान है जो समृद्धि की प्राप्ति में उपयोगी बनते हैं।
Q.जीवन में सफल सिद्ध होने के लिए आवश्यक उपादानों
में से एक प्रमुख उपादान क्या है?
(a) कार्य की आर्थिक समझ
(b) जागरूकता
(c) अनुशासन
(d) तत्परता -
Question 25 of 25
25. Question
1 pointsनिर्देश दिये गए निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों
के उत्तर दिजिए।
तत्परता हमारी सबसे मूल्यवान संपत्ति है। इसके द्वारा
विश्वसनीयता प्राप्त होती है। वे लोग जो सदैव जागरूक रहते हैं,तत्काल कर्मरत हो जाते हैं और जो समय के पाबन्द हैं, वे सर्वत्र विश्वास के पात्र समझे जाते हैं। वे मालिक जो स्वयं कार्यतत्पर होते हैं, अपने कर्मचारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनते हैं और काम की उपेक्षा करने वालों के लिए अंकुश का काम करते हैं। वे अनुशासन का साधन भी बनते हैं। इस प्रकार अपनी उपयोगिता और सफलता में अभिवृद्धि करने के साथ-साथ वे दूसरों की उपयोगिता और सफलता के भी साधन बनते हैं। एक आलसी व्यक्ति हमेशा ही अपने कार्य को भविष्य के लिए स्थगित करता जाता है, वह समय से पिछड़ता जाता है और इस प्रकार अपने लिए ही नहीं दूसरों के लिए भी विक्षोभ का कारण बनता है। उसकी सेवाओं का कोई आर्थिक मूल्य नहीं समझा जाता है। कार्य के प्रति उत्साह और उसे शीघ्रता से संपन्न करना। कार्य-तत्परता के दो प्रमुख उपादान है जो समृद्धि की प्राप्ति में उपयोगी बनते हैं।
Q.गद्यांश का उचित संक्षेपण कौन सा होगा?
(a) तत्परता हमारी मूल्यवान निधि है। इससे हम तत्पर
होकर काम करते हैं और समय पर काम करके सफलता
प्राप्त करते हैं।
(b) जागरूक व्यक्ति सदैव उत्साहित होकर तत्परता से अपने
कार्य में जुट जाते हैं और अनुशासित होकर उसे समय
पर पूरा कर डालते हैं। समय पर कार्य करने से वे
अपने कार्य-क्षेत्र में सभी के विश्वास पात्र बन जाते हैं
और यही विश्वसनीयता सफलता का साधन बनती है।
यही तत्परता सफलता और समृद्धि का प्रमुख उपादान है।
(c) सफलता के लिए तत्परता का होना आवश्यक है।
अनुशासन में रहकर कार्य समय से पूरा करके सफलता
मिलती है।
(d) उत्साह और शीघ्रता कार्य-तत्परता के दो प्रमुख उपादान
हैं जो जागरूक होकर कार्य करने को बाध्य करते हैं।
जिससे कार्य समयानुसार पूरा होता है और सफलता
मिलती है।