सम्मिलित अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (लोअर सबऑर्डिनेट) प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (पीसीएस) के बाद दूसरी सबसे बड़ी परीक्षा मानी जाती है। इसके तहत लगभग दो दर्जन विभागों में निरीक्षक स्तर के अधिकारियों का चयन किया जाता है। लेकिन पिछले आठ वर्षों से यह परीक्षा और संबंधित पद कहीं खो गए हैं। पहले यह परीक्षा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा आयोजित की जाती थी, लेकिन 2018 में इसे उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) को सौंप दिया गया।
लोअर पीसीएस की केवल एक भर्ती 2019 की जो 2023 में पूर्ण हुई है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की विश्वसनीयता संदेह के घेरे में हैं इस वजह से लाखों मेधावी छात्रों का भविष्य अंधकार मय हो रहा है।
– प्रशांत पाण्डेय, प्रतियोगी छात्र
इसके बाद से अब तक एक भी बार न तो कोई वैकेंसी आई और न ही परीक्षा आयोजित की गई। प्रतियोगी छात्रों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि इस परीक्षा को फिर से यूपीपीएससी को सौंपा जाए।
छात्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पहले से ही काम के अत्यधिक बोझ से दबा हुआ है, और उसके पास पिछले चार वर्षों से लगभग 20,000 भर्तियां लंबित हैं। ऐसे में लोअर पीसीएस परीक्षा की जिम्मेदारी फिर से यूपी लोक सेवा आयोग को सौंप दी जानी चाहिए, जैसा पहले था।
इस भर्ती परीक्षा से भरे जाने वाले पदों का विवरण
अधिशासी अधिकारी नगरपंचायत स्थानीय निकाय), कर अधिकारी (पंचायतीराज), विपणन एवं पूर्ति निरीक्षक (खाद एवं रसद), खांडसारी निरीक्षक (गन्ना आयुक्त), सहायक चकबंदी अधिकारी (चकबंदी विभाग), सहकारी निरीक्षक वर्ग 2/सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) (सहकारी समितियां), सहायक विकास अधिकारी 2 (खादी ग्रामोद्योग बोर्ड), अपर जिला सूचना अधिकारी हिंदी (निदेशालय सूचना एवं जनसंपर्क), जिला मद्यनिषेध एवं समाजोत्थान अधिकारी (मधनिषेधविभाग), नीलाम आयोजक एव विपणन निरीक्षक (पशुपालन), सहायक कोषागार लेखाकार (कोषागार विभाग), मंडी निरीक्षक एवं मंडी पर्यवेक्षक ग्रेड 2 (मंडी परिषद), मनोरंजन कर निरीक्षक (राज्य कर विभाग), संकलन अधिकारी ( प्रमुख सम्पादक जिला गजेटियर विभाग), राजस्व निरीक्षक ((स्थानीय निकाय), निरीक्षक, विधिक माप विज्ञान (उपभोक्ता संरक्षण, बांट एवं माप), शोध सहयुक्त ( राज्य ग्राम्य विकास संस्थान) आदि के करीब