मराठा साम्राज्य: उदय, शासन और विरासत

मराठा साम्राज्य भारतीय इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है, जिसने 17वीं और 18वीं शताब्दी में दक्षिण भारत से लेकर उत्तर भारत तक अपनी शक्ति का लोहा मनवाया। यह साम्राज्य न केवल सैन्य शक्ति के लिए जाना जाता है, बल्कि अपने कुशल प्रशासन और सामाजिक सुधारों के लिए भी प्रसिद्ध है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम मराठा साम्राज्य के उदय, शिवाजी महाराज के योगदान, उनके प्रशासन और महत्वपूर्ण घटनाओं पर प्रकाश डालेंगे, साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए 60 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) प्रस्तुत करेंगे।

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मराठा साम्राज्य की उत्पत्ति

मराठा साम्राज्य की नींव 14वीं शताब्दी में सज्जन सिंह ने रखी, जो मेवाड़ के सिसोदिया वंश से थे। अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय वे मेवाड़ से महाराष्ट्र आए। इस वंश की पांचवीं पीढ़ी में उग्रसेन के दो पुत्र कर्ण सिंह और शुभकरण थे। शुभकरण ने भोसले वंश की स्थापना की, जिसके वंशज भोसले कहलाए। शुभकरण के पौत्र बालाजी भोसले के दो पुत्र मालोजी और विठ्ठोजी थे। मालोजी अहमदनगर के सुल्तान मलिक अम्बर के अधीन कार्यरत थे। 15 मार्च 1590 को मालोजी के पुत्र शाहजी का जन्म हुआ। शाहजी का विवाह 1605 में लखुजी जाधव की पुत्री जीजाबाई से हुआ। 1620 में मालोजी की मृत्यु के बाद शाहजी उत्तराधिकारी बने।

शाहजी का लखुजी जाधव से मतभेद हुआ, जिसके बाद वे 1620 में जहांगीर के दरबार में गए और मुगलों की सेवा में शामिल हुए। जहांगीर ने उन्हें उमरा वर्ग में शामिल किया, लेकिन वे जल्द ही अहमदनगर लौट आए। 1624 में भातवाड़ी युद्ध में शाहजी ने अहमदनगर की ओर से भाग लिया और मलिक अम्बर विजयी रहे। 1630 में शाहजी शाहजहां के दरबार में गए और 5000 रुपये का मनसबदार बने। 1632 में वे बीजापुर गए, जहां उन्होंने प्रशासन संभाला और मुर्तजा द्वितीय को शासक बनाया। 1647 में बीजापुर के सुल्तान ने शाहजी को कैद किया, और उनकी मृत्यु 1664 में हुई।

शिवाजी महाराज: मराठा साम्राज्य के संस्थापक

छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 10 अप्रैल 1627 को पूना के शिवनेर दुर्ग में हुआ। उनके पिता शाहजी भोसले और माता जीजाबाई थीं। उनकी पत्नियां साईंबाई निम्बालकर और तुकाबाई मोहिते थीं। उनके पुत्र शम्भाजी और राजाराम थे। शिवाजी का विवाह साईंबाई से 1640 में हुआ, जिससे शम्भाजी का जन्म हुआ। शिवाजी के राजनैतिक गुरु कोंडदेव और आध्यात्मिक गुरु समर्थ रामदास थे। रामदास ने दासबोध और आनन्दवन भवन लिखा और मराठा धर्म का प्रतिपादन किया।

शिवाजी का राज्याभिषेक 6 जून 1674 को रायगढ़ में वाराणसी के विद्वान गंगाभट्ट द्वारा हुआ, जहां उन्होंने छत्रपति की उपाधि ग्रहण की। उनकी माता जीजाबाई की मृत्यु 17 जून 1674 को हुई, जिसके बाद 24 सितंबर 1674 को निश्चलपुरी गोसाई ने दूसरा राज्याभिषेक संपन्न कराया।

शिवाजी के प्रमुख सैन्य अभियान

1643 में शिवाजी ने सिंहगढ़ किला जीता, जो उनकी पहली विजय थी। 1646 में उन्होंने तोरण और मुब्बगढ़, 1647 में कोण्डाना और चाकन, 1654 में पुरंदर, और 1656 में जुन्नार किला जीता। 1656 में रायगढ़ को अपनी राजधानी बनाया। 1657 में उन्होंने कोंकण क्षेत्र पर विजय प्राप्त की और औरंगजेब से पहला युद्ध लड़ा, जिसमें उनकी हार हुई। 1659 में प्रतापगढ़ में अफजल खां को हराया। 1663 में शाइस्ता खां को परास्त किया और उनके पुत्र फतेह खां की हत्या की। 1664 और 1670 में सूरत की लूट ने उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया। 1673 में पन्हाला दुर्ग और 1678 में जिंजी किला जीता, जो उनकी अंतिम विजय थी।

पुरंदर की संधि और मुगलों के साथ संबंध

1665 में शिवाजी को मुगल सेनापति जयसिंह के साथ पुरंदर की संधि करनी पड़ी, जिसमें उन्होंने 35 में से 23 किले मुगलों को सौंपे। 1666 में आगरा दरबार में औरंगजेब ने उन्हें कैद किया, लेकिन वे 16 अगस्त 1666 को भाग निकले। 1668 में औरंगजेब के साथ संधि के बाद उन्हें राजा की उपाधि मिली और बीजापुर व गोलकुण्डा से चौथ वसूलने का अधिकार प्राप्त हुआ।

शिवाजी का प्रशासन: स्वराज्य की नींव

शिवाजी का साम्राज्य स्वराज्य और मुल्द-ए-कादिम में विभक्त था। उनका मंत्रिमंडल, अष्टप्रधान परिषद, आठ मंत्रियों से मिलकर बना था: पेशवा (प्रधानमंत्री), सेनापति, अमात्य, वाकयानवीस, चिटनिस, सुमन्त, पंडित राव, और न्यायाधीश। मराठी उनकी राजभाषा थी, और रघुनाथ पंडित हनुमंते ने मराठी शब्दकोष की रचना की।

कर व्यवस्था

शिवाजी की कर व्यवस्था मलिक अम्बर पर आधारित थी। उन्होंने रस्सी के बजाय काठी और मानक छड़ी से माप शुरू किया। उपज का 33-40% राजस्व लिया जाता था। चौथ (क्षेत्र को लूटने से बचाने की राशि) और सरदेशमुखी (श्रेष्ठ देशमुख का हक) उनके प्रमुख कर थे।

सैन्य संगठन

शिवाजी की सेना में पागा (नियमित घुड़सवार), सिलहदार (अस्थायी घुड़सवार), और पैदल सैनिक शामिल थे। उनकी गुरिल्ला युद्ध रणनीति, “गनीमी कावा,” ने उन्हें कई युद्धों में विजयी बनाया।

न्याय व्यवस्था

शिवाजी का न्यायालय “मजलिस” या “सभा” कहलाता था। उन्होंने 240 किलों का निर्माण कराया, जो उनकी रक्षा नीति का हिस्सा थे।

शिवाजी की मृत्यु और विरासत

शिवाजी की मृत्यु 3 अप्रैल 1680 को 53 वर्ष की आयु में हुई। उनकी पत्नी पुतलीबाई ने सती प्रथा का पालन किया।


मराठा सम्राज्य 60 महत्वपूर्ण प्रश्न क्विज

मराठा साम्राज्य, भारतीय इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है, जिसने छत्रपति शिवाजी महाराज के नेतृत्व में 17वीं और 18वीं शताब्दी में अपनी शक्ति और स्वराज्य की स्थापना की। शिवाजी महाराज ने न केवल सैन्य शक्ति और गुरिल्ला युद्ध रणनीति (गनीमी कावा) के माध्यम से मुगलों और अन्य शक्तियों को चुनौती दी, बल्कि एक कुशल प्रशासनिक व्यवस्था भी स्थापित की। अष्टप्रधान परिषद, चौथ और सरदेशमुखी कर व्यवस्था, और मराठी राजभाषा जैसे सुधारों ने मराठा साम्राज्य को एक मजबूत नींव प्रदान की।
 
यह क्विज मराठा साम्राज्य के उदय, शिवाजी महाराज के योगदान, उनके सैन्य अभियानों, प्रशासन, और विरासत पर आधारित है। नीचे दिए गए 60 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) UPSC, SSC, और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए विशेष रूप से उपयोगी हैं। प्रत्येक प्रश्न के साथ विस्तृत व्याख्या दी गई है, जो आपके ज्ञान को और गहरा करेगी। अपने मराठा इतिहास के ज्ञान को परखें और इस क्विज के साथ अपनी तैयारी को मजबूत करें!

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