मुगल साम्राज्य: विस्तृत नोट्स व प्रैक्टिस सेट

परिचय

मुगल साम्राज्य (1526-1857) भारतीय उपमहाद्वीप का एक प्रमुख साम्राज्य था, जिसने भारत के राजनीतिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक परिदृश्य को गहराई से प्रभावित किया। इसकी स्थापना जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर ने 1526 में पानीपत के प्रथम युद्ध में दिल्ली सल्तनत के अंतिम शासक इब्राहिम लोदी को पराजित करके की थी। मुगल शासकों ने अपनी शासन व्यवस्था, स्थापत्य कला, और धार्मिक सहिष्णुता (विशेष रूप से अकबर के समय) के लिए ख्याति प्राप्त की। साम्राज्य का अंत 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद बहादुर शाह जफर के निर्वासन के साथ हुआ।

mughal samrajya

मुगल शासक: कालानुक्रम, युद्ध, और योगदान

1. बाबर (1526-1530)

  • पृष्ठभूमि: बाबर तैमूर (मातृ पक्ष) और चंगेज खान (पितृ पक्ष) का वंशज था। वह मध्य एशिया के फरगाना का शासक था, परंतु समरकंद पर कब्जा न कर पाने के कारण भारत की ओर रुख किया।
  • प्रमुख युद्ध:
    • पानीपत का प्रथम युद्ध (1526): बाबर ने इब्राहिम लोदी को हराकर दिल्ली पर कब्जा किया। इस युद्ध में तोपखाने और तुलुगमा युद्ध रणनीति का उपयोग महत्वपूर्ण था।
    • खानवा का युद्ध (1527): राजपूतों के नेता राणा सांगा को पराजित किया, जिसने मुगल सत्ता को उत्तर भारत में स्थापित करने में मदद की।
    • घाघरा का युद्ध (1529): अफगानों और बंगाल के सुल्तान नुसरत शाह के गठबंधन को हराया।
  • योगदान:
    • तुजुक-ए-बाबरी (बाबरनामा) की रचना, जो तुर्की भाषा में उनकी आत्मकथा है और उस समय की सामाजिक-राजनीतिक स्थिति का विवरण देती है।
    • भारत में तोपखाने और बारूद के उपयोग की शुरुआत।
    • बागबानी को प्रोत्साहन, जैसे आगरा में चारबाग की स्थापना।
  • मृत्यु: 1530 में आगरा में, बीमारी के कारण।

2. हुमायूं (1530-1540, 1555-1556)

  • शासन की शुरुआत: बाबर की मृत्यु के बाद हुमायूं ने गद्दी संभाली, परंतु उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जैसे अफगान शासक शेरशाह सूरी और गुजरात के बहादुर शाह।
  • प्रमुख युद्ध और हार:
    • चौसा का युद्ध (1539): शेरशाह सूरी ने हुमायूं को हराया।
    • कन्नौज का युद्ध (1540): शेरशाह ने हुमायूं को फिर से हराकर दिल्ली और आगरा पर कब्जा किया, जिससे हुमायूं को निर्वासन में जाना पड़ा।
  • निर्वासन और पुनर्स्थापना:
    • हुमायूं ने फारस में सफाविद शासक शाह तहमास्प की शरण ली और सैन्य सहायता प्राप्त की।
    • 1555 में सूर वंश के सिकंदर शाह को हराकर दिल्ली पर पुनः कब्जा किया।
  • योगदान:
    • फारसी संस्कृति और कला को प्रोत्साहन।
    • हुमायूं का मकबरा (दिल्ली) उनकी पत्नी हमीदा बानो बेगम ने बनवाया, जो मुगल स्थापत्य का पहला उदाहरण है।
  • मृत्यु: 1556 में दिल्ली के पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिरकर।

3. अकबर (1556-1605)

  • शासन की शुरुआत: मात्र 13 वर्ष की आयु में गद्दी पर बैठे। शुरुआती शासन बैरम खान (उनके संरक्षक) के मार्गदर्शन में चला।
  • प्रमुख युद्ध:
    • पानीपत का द्वितीय युद्ध (1556): बैरम खान ने हेमू को हराकर मुगल सत्ता को पुनर्स्थापित किया।
    • हल्दीघाटी का युद्ध (1576): मेवाड़ के राणा प्रताप के खिलाफ मानसिंह ने युद्ध लड़ा। हालांकि राणा प्रताप हारे, पर उन्होंने आत्मसमर्पण नहीं किया।
  • प्रशासनिक सुधार:
    • मनसबदारी प्रणाली: सैन्य और प्रशासनिक संगठन के लिए शुरू की गई। इसमें जाट (सैनिकों की संख्या) और सवार (घुड़सवारों की संख्या) के आधार पर रैंक दिए गए।
    • जब्ती प्रणाली: राजा टोडरमल द्वारा लागू, जिसमें भूमि की पैमाइश कर राजस्व निर्धारित किया गया।
    • राजपूत नीति: राजपूतों के साथ विवाह गठबंधन (जैसे, जोधाबाई के साथ विवाह) और उन्हें उच्च मनसब देकर साम्राज्य में शामिल किया।
  • धार्मिक नीति:
    • दीन-ए-इलाही (1582): सभी धर्मों के समन्वय पर आधारित एक नया पंथ, जिसमें सूर्य पूजा, अग्नि पूजा आदि शामिल थे। हालांकि, इसका प्रभाव सीमित रहा।
    • जजिया कर समाप्त किया और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा दिया।
    • इबादतखाना (फतेहपुर सीकरी) में विभिन्न धर्मों के विद्वानों के साथ चर्चा।
  • संस्कृति और कला:
    • नवरत्न: अबुल फजल, बीरबल, तानसेन, टोडरमल, फैजी आदि।
    • फतेहपुर सीकरी की स्थापना, जिसमें बुलंद दरवाजा, पंचमहल, और शेख सलीम चिश्ती का मकबरा शामिल हैं।
    • आइन-ए-अकबरी और अकबरनामा (अबुल फजल द्वारा)।
  • साम्राज्य विस्तार: गुजरात (1572), बंगाल (1576), कश्मीर (1586), और दक्कन (खानदेश, 1601) पर विजय।

4. जहाँगीर (1605-1627)

  • शासन की विशेषताएँ:
    • सलीम के नाम से गद्दी पर बैठे। उनकी पत्नी नूरजहाँ ने शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    • न्याय की जंजीर: आम जनता के लिए त्वरित न्याय के लिए स्वर्ण जंजीर स्थापित की।
  • प्रमुख घटनाएँ:
    • खुसरो (उनके पुत्र) का विद्रोह (1606), जिसे दबाया गया।
    • सिख गुरु अर्जुन देव को मृत्युदंड (1606), जिससे सिख-मुगल तनाव बढ़ा।
    • अंग्रेजों को व्यापार की अनुमति (1615 में सर थॉमस रो के माध्यम से)।
  • संस्कृति:
    • मुगल चित्रकला का चरमोत्कर्ष, विशेष रूप से मिनिएचर पेंटिंग्स।
    • फारसी और उर्दू साहित्य को प्रोत्साहन।
    • जहाँगीरनामा (उनकी आत्मकथा)।
  • मृत्यु: 1627 में कश्मीर में।

5. शाहजहाँ (1628-1658)

  • शासन की विशेषताएँ:
    • मुगल साम्राज्य का स्वर्ण युग, आर्थिक समृद्धि और स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध।
    • प्रमुख स्थापत्य:
      • ताजमहल (1632-1653): मुमताज महल की याद में आगरा में बनवाया गया। इसे उस्ताद अहमद लाहौरी ने डिजाइन किया।
      • लाल किला (दिल्ली): शाहजहानाबाद की स्थापना के साथ बनवाया गया।
      • जामा मस्जिद (दिल्ली): भारत की सबसे बड़ी मस्जिद।
      • मोती मस्जिद, दीवान-ए-आम, और दीवान-ए-खास।
  • प्रमुख युद्ध:
    • दक्कन में अहमदनगर, बीजापुर, और गोलकुंडा के खिलाफ अभियान, परंतु पूर्ण सफलता नहीं मिली।
  • पतन: औरंगजेब और उनके भाइयों के बीच उत्तराधिकार युद्ध (1657-1658)। औरंगजेब ने शाहजहाँ को आगरा के किले में कैद किया।
  • मृत्यु: 1666 में कैद में।

6. औरंगजेब (1658-1707)

  • शासन की विशेषताएँ:
    • रूढ़िवादी इस्लामी नीतियों के लिए जाना जाता है, जिसने साम्राज्य में तनाव बढ़ाया।
    • आलमगीर की उपाधि ग्रहण की।
  • प्रमुख युद्ध:
    • दक्कन युद्ध: मराठों (शिवाजी और संभाजी), बीजापुर, और गोलकुंडा के खिलाफ लंबे युद्ध। 1686 में बीजापुर और 1687 में गोलकुंडा पर कब्जा।
    • सिखों के खिलाफ: गुरु तेग बहादुर को मृत्युदंड (1675), जिससे सिख विद्रोह बढ़ा।
    • राजपूतों के खिलाफ: मेवाड़ और मारवाड़ के साथ संघर्ष।
  • धार्मिक नीतियाँ:
    • जजिया कर पुनः लागू (1679), जिसने गैर-मुस्लिमों में असंतोष बढ़ाया।
    • मंदिरों का विध्वंस और संगीत पर प्रतिबंध।
  • प्रशासन:
    • केंद्रीकृत शासन, परंतु लंबे युद्धों ने खजाना खाली कर दिया।
  • मृत्यु: 1707 में अहमदनगर में। उनकी मृत्यु के बाद साम्राज्य का पतन तेज हुआ।

7. बाद के मुगल (1707-1857)

  • कमजोर उत्तराधिकारी:
    • बहादुर शाह I (1707-1712): ‘शाह-ए-बेखबर’ के नाम से जाना गया। सिखों और राजपूतों के साथ समझौता करने की कोशिश की।
    • जहाँदार शाह (1712-1713): कमजोर शासक, सैय्यद बंधुओं के प्रभाव में।
    • फर्रुखसियार (1713-1719): सैय्यद बंधुओं ने उसे गद्दी से हटाया।
    • मुहम्मद शाह (1719-1748): नादिर शाह के आक्रमण (1739) का सामना किया, कोहिनूर हीरा लूटा गया।
    • अहमद शाह अब्दाली के आक्रमण: पानीपत का तृतीय युद्ध (1761) में मराठों की हार।
    • बहादुर शाह जफर (1837-1857): 1857 के विद्रोह में प्रतीकात्मक नेता। अंग्रेजों ने उन्हें रंगून निर्वासित किया।
  • पतन के कारण:
    • कमजोर उत्तराधिकारी, आर्थिक संकट, मराठों और अंग्रेजों का उदय, और बाहरी आक्रमण (नादिर शाह, अब्दाली)।

प्रशासनिक व्यवस्था

  • केंद्रीय प्रशासन:
    • सम्राट सर्वोच्च शक्ति था। प्रमुख अधिकारी:
      • दीवान-ए-आला: वित्त और राजस्व।
      • मीर बख्शी: सैन्य प्रशासन और भर्ती।
      • काजी-उल-कुजात: न्यायिक मामलों का प्रमुख।
      • सदर-उस-सुदूर: धार्मिक और धर्मार्थ कार्य।
  • प्रांतीय प्रशासन:
    • सूबों (प्रांतों) में विभाजित। प्रत्येक सूबे का सूबेदार (गवर्नर), दीवान (वित्त), और बख्शी (सैन्य)।
    • सूबों को सरकारों, परगनों, और गाँवों में विभाजित किया गया।
  • मनसबदारी प्रणाली:
    • अकबर द्वारा शुरू। मनसबदारों को जाट (सैनिकों की संख्या) और सवार (घुड़सवारों की संख्या) के आधार पर रैंक।
    • जागीर (भूमि) प्रदान की जाती थी, जिससे राजस्व प्राप्त होता था।
  • राजस्व व्यवस्था:
    • जब्ती प्रणाली: टोडरमल द्वारा विकसित। भूमि की पैमाइश और फसल के आधार पर कर निर्धारण।
    • जमींदारी प्रणाली: जमींदारों के माध्यम से राजस्व संग्रह।
    • खालिसा भूमि: सीधे सम्राट के नियंत्रण में, जिसका राजस्व खजाने में जाता था।
  • न्याय व्यवस्था:
    • शरिया कानून और स्थानीय परंपराओं का मिश्रण।
    • जहाँगीर की ‘न्याय की जंजीर’ त्वरित न्याय का प्रतीक थी।

आर्थिक ढांचा

  • कृषि:
    • अर्थव्यवस्था का आधार। प्रमुख फसलें: चावल, गेहूँ, कपास, नील, और गन्ना।
    • जब्ती और जमींदारी प्रणाली से राजस्व संग्रह।
  • व्यापार:
    • यूरोपीय व्यापारियों (पुर्तगाली, डच, अंग्रेज) के साथ व्यापार। प्रमुख बंदरगाह: सूरत, हुगली, और मछलीपट्टनम।
    • निर्यात: कपड़ा, मसाले, नील। आयात: रजत, सोना, और घोड़े।
  • उद्योग:
    • कपड़ा (मलमल, रेशम), हस्तशिल्प, और धातु कार्य।
    • शाहजहाँ के समय में आर्थिक समृद्धि चरम पर थी।
  • मुद्रा:
    • सोने, चाँदी (रुपया), और ताँबे (दाम) की मुद्राएँ। शाहजहाँ के समय में मुद्राएँ उच्च गुणवत्ता की थीं।

संस्कृति और कला

  • स्थापत्य:
    • मुगल स्थापत्य में फारसी, भारतीय, और इस्लामी शैलियों का समन्वय।
    • प्रमुख उदाहरण:
      • हुमायूं का मकबरा (दिल्ली): प्रथम मुगल मकबरा, फारसी शैली में।
      • फतेहपुर सीकरी: बुलंद दरवाजा, पंचमहल, शेख सलीम चिश्ती का मकबरा।
      • ताजमहल: शाहजहाँ द्वारा, सफेद संगमरमर और सममित डिजाइन।
      • लाल किला और जामा मस्जिद (दिल्ली): शाहजहाँ के समय।
  • चित्रकला:
    • मुगल मिनिएचर पेंटिंग्स का विकास, विशेष रूप से जहाँगीर के समय।
    • विषय: शाही दरबार, शिकार, और धार्मिक दृश्य।
    • प्रमुख चित्रकार: बसावन, मंसूर, और बिशनदास।
  • साहित्य:
    • फारसी: अबुल फजल (आइन-ए-अकबरी, अकबरनामा), फैजी, और बदायुनी।
    • हिंदी: तुलसीदास (रामचरितमानस), मलिक मुहम्मद जायसी (पद्मावत)।
    • उर्दू: जहाँगीर और शाहजहाँ के समय में प्रारंभिक विकास।
  • संगीत:
    • अकबर के दरबार में तानसेन और बैजू बावरा।
    • औरंगजेब ने संगीत पर प्रतिबंध लगाया, परंतु लोक संगीत फला-फूला।
  • धार्मिक सहिष्णुता:
    • अकबर की दीन-ए-इलाही और राजपूत नीति ने हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा दिया।
    • औरंगजेब की रूढ़िवादी नीतियों ने धार्मिक तनाव बढ़ाया।

सामाजिक संरचना

  • वर्गीकरण:
    • अभिजात वर्ग: सम्राट, मनसबदार, और जागीरदार।
    • मध्यम वर्ग: व्यापारी, कारीगर, और किसान।
    • निम्न वर्ग: मजदूर और दास।
  • महिलाओं की स्थिति:
    • शाही महिलाएँ (नूरजहाँ, मुमताज) प्रभावशाली थीं।
    • सामान्य महिलाओं की स्थिति सामाजिक और धार्मिक मान्यताओं पर निर्भर थी।
  • शिक्षा:
    • मदरसों और मक्तबों में धार्मिक शिक्षा।
    • अकबर ने संस्कृत और हिंदी साहित्य को प्रोत्साहन दिया।

मुगल साम्राज्य का पतन

  • आंतरिक कारण:
    • औरंगजेब की नीतियाँ: जजिया कर, मंदिरों का विध्वंस, और धार्मिक असहिष्णुता ने राजपूतों, सिखों, और मराठों में असंतोष बढ़ाया।
    • कमजोर उत्तराधिकारी: बहादुर शाह I, जहाँदार शाह, और फर्रुखसियार जैसे शासकों में नेतृत्व की कमी।
    • आर्थिक संकट: लंबे युद्धों (विशेष रूप से दक्कन में) ने खजाना खाली कर दिया।
    • मनसबदारी संकट: जागीरों की कमी और मनसबदारों में असंतोष।
  • बाहरी कारण:
    • नादिर शाह का आक्रमण (1739): दिल्ली को लूटा गया, कोहिनूर हीरा और मयूर सिंहासन ले जाया गया।
    • अहमद शाह अब्दाली के आक्रमण: पानीपत का तृतीय युद्ध (1761) ने मराठों को कमजोर किया, पर मुगल सत्ता को भी प्रभावित किया।
    • अंग्रेजों का उदय: ईस्ट इंडिया कंपनी ने मुगल कमजोरी का लाभ उठाया।
    • मराठों का उदय: शिवाजी और उनके उत्तराधिकारियों ने दक्कन में मुगल सत्ता को चुनौती दी।
  • 1857 का विद्रोह: बहादुर शाह जफर को प्रतीकात्मक नेता बनाया गया, परंतु विद्रोह के दमन के बाद मुगल साम्राज्य समाप्त हो गया।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • पानीपत के युद्ध:
    • प्रथम (1526): बाबर बनाम इब्राहिम लोदी।
    • द्वितीय (1556): अकबर बनाम हेमू।
    • तृतीय (1761): मराठा बनाम अहमद शाह अब्दाली।
  • मुगल स्थापत्य: ताजमहल, लाल किला, हुमायूं का मकबरा, और फतेहपुर सीकरी UPPSC प्रश्नों में बार-बार पूछे जाते हैं।
  • अकबर की नीतियाँ: मनसबदारी, जब्ती, और राजपूत नीति परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण।
  • औरंगजेब की नीतियाँ: जजिया और धार्मिक असहिष्णुता पतन के प्रमुख कारणों में से हैं।
  • सांस्कृतिक योगदान: चित्रकला, साहित्य, और संगीत के प्रश्न सामान्य ज्ञान अनुभाग में पूछे जा सकते हैं।
  • 1857 का विद्रोह: मुगल साम्राज्य के अंत का प्रतीक, बहादुर शाह जफर का नाम महत्वपूर्ण।

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