📚 भारतीय संविधान की प्रस्तावना और मूल संरचना सिद्धांत: प्रैक्टिस क्विज
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भारतीय संविधान की प्रस्तावना और मूल संरचना सिद्धांत: प्रैक्टिस क्विज
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प्रश्न 1 का 20
1. भारतीय संविधान की प्रस्तावना को किस रूप में जाना जाता है?
A
संविधान का परिचय पत्र
B
संविधान का नियमावली
C
संविधान का आधार
D
संविधान का सार
प्रस्तावना को ‘संविधान का परिचय पत्र’ कहा जाता है क्योंकि यह संविधान के मूल सिद्धांतों, उद्देश्यों और आदर्शों का सार प्रस्तुत करती है। यह संविधान निर्माताओं की सोच को दर्शाती है और संविधान की आत्मा के रूप में कार्य करती है।
2. भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द कब जोड़े गए?
A
1950
B
1973
C
1976
D
1980
42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 के माध्यम से प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’, और ‘अखंडता’ शब्द जोड़े गए। यह संशोधन आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी सरकार द्वारा किया गया था।
3. प्रस्तावना में ‘हम भारत के लोग’ वाक्यांश का क्या अर्थ है?
A
संविधान का स्रोत जनता है
B
सरकार का गठन जनता द्वारा होता है
C
संविधान का कार्यान्वयन जनता पर निर्भर है
D
संविधान का संरक्षण जनता का कर्तव्य है
‘हम भारत के लोग’ यह दर्शाता है कि संविधान की संप्रभुता जनता में निहित है और यह जनता द्वारा निर्मित है। यह लोकतांत्रिक सिद्धांत को रेखांकित करता है।
4. प्रस्तावना की कानूनी स्थिति के संबंध में बेरुबाड़ी केस (1960) का क्या निर्णय था?
A
प्रस्तावना संविधान का हिस्सा है
B
प्रस्तावना संविधान का हिस्सा नहीं है
C
प्रस्तावना संशोधन योग्य नहीं है
D
प्रस्तावना को न्यायिक रूप से लागू किया जा सकता है
बेरुबाड़ी केस में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा नहीं है और इसे कानूनी अधिकार का स्रोत नहीं माना जा सकता। यह निर्णय बाद में केशवानंद भारती मामले (1973) में पलट दिया गया।
5. मूल संरचना सिद्धांत को किस मामले में प्रतिपादित किया गया था?
A
शंकरी प्रसाद बनाम भारत संघ
B
गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
C
केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
D
मिनर्वा मिल्स बनाम भारत संघ
मूल संरचना सिद्धांत को 1973 में केशवानंद भारती मामले में न्यायमूर्ति हंस राज खन्ना द्वारा प्रतिपादित किया गया, जिसमें कहा गया कि संसद संविधान के मूल ढांचे को नष्ट नहीं कर सकती।
6. प्रस्तावना को ‘संविधान की आत्मा’ किसने कहा था?
A
सर अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर
B
के. एम. मुंशी
C
पंडित ठाकुर दास भार्गव
D
डॉ. बी. आर. अंबेडकर
पंडित ठाकुर दास भार्गव ने प्रस्तावना को ‘संविधान की आत्मा’ कहा, जो इसके मूल दर्शन और महत्व को दर्शाता है।
7. मूल संरचना सिद्धांत के तहत निम्नलिखित में से कौन सा तत्व शामिल नहीं है?
A
संविधान की सर्वोच्चता
B
न्यायपालिका की स्वतंत्रता
C
मौलिक कर्तव्यों का पालन
D
शक्तियों का पृथक्करण
मूल संरचना सिद्धांत में संविधान की सर्वोच्चता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, और शक्तियों का पृथक्करण जैसे तत्व शामिल हैं, लेकिन मौलिक कर्तव्यों का पालन इसका हिस्सा नहीं है।
8. 42वें संशोधन को क्यों ‘लघु संविधान’ कहा जाता है?
A
इसने केवल प्रस्तावना में बदलाव किया
B
इसने संविधान में व्यापक बदलाव किए
C
इसने केवल मौलिक अधिकारों को संशोधित किया
D
इसने संविधान को छोटा किया
42वां संशोधन (1976) ‘लघु संविधान’ कहलाता है क्योंकि इसने प्रस्तावना में शब्द जोड़ने के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों को शामिल करना और राष्ट्रपति की शक्तियों को सीमित करना जैसे कई बदलाव किए।
9. केशवानंद भारती मामले में कितने न्यायाधीशों की पीठ थी?
A
7
B
9
C
11
D
13
केशवानंद भारती मामले (1973) में 13 न्यायाधीशों की पीठ ने सुनवाई की और 7:6 के बहुमत से मूल संरचना सिद्धांत की स्थापना की।
10. निम्नलिखित में से कौन सा तत्व एस. आर. बोम्मई मामले में मूल संरचना का हिस्सा माना गया?
A
मौलिक कर्तव्यों का पालन
B
संघवाद
C
मौलिक अधिकारों का संशोधन
D
कार्यपालिका की सर्वोच्चता
एस. आर. बोम्मई मामले (1994) में संघवाद, पंथनिरपेक्षता, और सामाजिक न्याय को मूल संरचना के तत्वों के रूप में शामिल किया गया।
11. प्रस्तावना का कौन सा शब्द यह दर्शाता है कि भारत का कोई धर्म नहीं है?
A
समाजवादी
B
पंथनिरपेक्ष
C
लोकतांत्रिक
D
गणतांत्रिक
‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द, जो 42वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया, यह दर्शाता है कि भारत का कोई राज्य धर्म नहीं है और सभी धर्मों को समान सम्मान और समर्थन प्राप्त है।
12. मूल संरचना सिद्धांत की स्थापना ने संसद की किस शक्ति को सीमित किया?
A
कानून बनाने की शक्ति
B
संविधान संशोधन की शक्ति
C
कार्यपालिका को नियंत्रित करने की शक्ति
D
न्यायपालिका को नियुक्त करने की शक्ति
मूल संरचना सिद्धांत ने अनुच्छेद 368 के तहत संसद की संविधान संशोधन शक्ति को सीमित किया, यह सुनिश्चित करते हुए कि मूल ढांचे को नष्ट नहीं किया जा सकता।
13. शंकरी प्रसाद मामले (1951) में सर्वोच्च न्यायालय ने क्या निर्णय दिया?
A
मौलिक अधिकार अपरिवर्तनीय हैं
B
संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन कर सकती है
C
प्रस्तावना संविधान का हिस्सा है
D
मूल संरचना सिद्धांत लागू होता है
शंकरी प्रसाद मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि संसद अनुच्छेद 368 के तहत मौलिक अधिकारों सहित किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है।
14. गोलकनाथ मामले (1967) ने संसद की शक्ति पर क्या प्रभाव डाला?
A
संसद की संशोधन शक्ति को बढ़ाया
B
मौलिक अधिकारों को अपरिवर्तनीय घोषित किया
C
प्रस्तावना को संशोधन योग्य बनाया
D
मूल संरचना सिद्धांत को रद्द किया
गोलकनाथ मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि मौलिक अधिकार अपरिवर्तनीय हैं और संसद इनमें संशोधन नहीं कर सकती।
15. मिनर्वा मिल्स मामले (1980) में मूल संरचना का कौन सा तत्व स्पष्ट किया गया?
A
मौलिक अधिकारों और नीति निदेशक तत्वों का संतुलन
B
कार्यपालिका की सर्वोच्चता
C
मौलिक कर्तव्यों का पालन
D
विधायिका की स्वतंत्रता
मिनर्वा मिल्स मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि मौलिक अधिकारों और नीति निदेशक तत्वों के बीच संतुलन मूल संरचना का हिस्सा है।
16. आई. आर. कोल्हो मामले (2007) का मुख्य निर्णय क्या था?
A
नौवीं अनुसूची के कानूनों को न्यायिक समीक्षा से मुक्त किया गया
B
नौवीं अनुसूची के कानून मूल संरचना के आधार पर चुनौती योग्य हैं
C
प्रस्तावना को संशोधन योग्य घोषित किया गया
D
मूल संरचना सिद्धांत को रद्द किया गया
आई. आर. कोल्हो मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि 24 अप्रैल 1973 के बाद नौवीं अनुसूची में जोड़े गए कानून मूल संरचना के उल्लंघन के आधार पर चुनौती योग्य हैं।
17. प्रस्तावना में ‘न्याय’ के कितने प्रकारों का उल्लेख है?
A
एक
B
दो
C
तीन
D
चार
प्रस्तावना में सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक न्याय का उल्लेख है।
18. मूल संरचना सिद्धांत का प्रभाव कब से लागू होता है?
A
26 जनवरी 1950 से
B
24 अप्रैल 1973 से
C
25 अक्टूबर 1971 से
D
15 अगस्त 1947 से
वामन राव मामले (1981) में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि मूल संरचना सिद्धांत 24 अप्रैल 1973 (केशवानंद भारती निर्णय) के बाद के संशोधनों पर लागू होता है।
19. किहोतो होलोहन मामले (1992) में मूल संरचना का कौन सा तत्व शामिल किया गया?
A
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव
B
कार्यपालिका की स्वतंत्रता
C
मौलिक कर्तव्यों का पालन
D
विधायिका की सर्वोच्चता
किहोतो होलोहन मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को मूल संरचना का तत्व माना गया, जो लोकतंत्र का आधार है।
20. मूल संरचना सिद्धांत का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A
संसद की शक्ति को बढ़ाना
B
संविधान के मूल ढांचे की रक्षा करना
C
मौलिक कर्तव्यों को लागू करना
D
कार्यपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना
मूल संरचना सिद्धांत का उद्देश्य संविधान के आधारभूत सिद्धांतों को मनमाने संशोधनों से बचाना और इसकी अखंडता को बनाए रखना है।