भारत में राज्यों का गठन और पुनर्गठन

भारत, एक विविधतापूर्ण देश, जहां सैकड़ों भाषाएं, संस्कृतियां और परंपराएं एक साथ रहती हैं, ने स्वतंत्रता के बाद एक एकीकृत राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बनाई। लेकिन यह यात्रा आसान नहीं थी। स्वतंत्रता के समय भारत में 500 से अधिक देशी रियासतें थीं, जिन्हें एकजुट करना एक चुनौती थी। इसके बाद, भाषाई और क्षेत्रीय आधार पर राज्यों का पुनर्गठन हुआ, जिसने आज के भारत की संरचना को आकार दिया। यह अध्याय भारत में राज्यों के गठन और पुनर्गठन की कहानी को बताता है, जिसमें प्रमुख व्यक्तित्व, संवैधानिक प्रावधान, और ऐतिहासिक घटनाएं शामिल हैं।

स्वतंत्रता और देशी रियासतों का विलय

1947 में जब भारत स्वतंत्र हुआ, तब यह एक खंडित भू-राजनीतिक इकाई था। ब्रिटिश भारत के प्रांतों के अलावा, 562 देशी रियासतें थीं, जिनका शासन स्थानीय राजा-महाराजा करते थे। इन रियासतों को तीन विकल्प दिए गए: भारत में शामिल होना, पाकिस्तान में जाना, या स्वतंत्र रहना।

सरदार पटेल और वी. पी. मेनन की भूमिका

इस विशाल एकीकरण की जिम्मेदारी भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल और उनके सचिव वी. पी. मेनन ने संभाली। पटेल, जिन्हें “भारत का लौह पुरुष” कहा जाता है, ने कूटनीति, समझौतों और आवश्यकता पड़ने पर दबाव के माध्यम से रियासतों को भारतीय संघ में शामिल किया। वी. पी. मेनन ने विलय पत्र (Instrument of Accession) तैयार किए, जिसके तहत रियासतें अपनी रक्षा, विदेश नीति और संचार व्यवस्था भारत को सौंपकर भारतीय संघ का हिस्सा बनीं।

चुनौतीपूर्ण रियासतें

ज्यादातर रियासतें 1947-1948 तक भारत में शामिल हो गईं, लेकिन कुछ ने विलय में देरी की:

  • जूनागढ़: नवाब ने पाकिस्तान में शामिल होने का फैसला किया, लेकिन जनमत संग्रह (1947) के बाद भारत में विलय हुआ।
  • हैदराबाद: निजाम ने स्वतंत्रता की मांग की, लेकिन 1948 में ऑपरेशन पोलो के बाद भारत में शामिल हुआ।
  • जम्मू-कश्मीर: महाराजा हरि सिंह ने शुरू में स्वतंत्र रहने का विचार किया, लेकिन पाकिस्तानी आक्रमण के बाद 1947 में विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए।

इस एकीकरण ने भारत को एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में मजबूत किया। सरदार पटेल की दृढ़ता और मेनन की रणनीति ने भारत को खंडित होने से बचाया।

मूल संविधान में राज्यों की संरचना (1950)

26 जनवरी 1950 को जब भारतीय संविधान लागू हुआ, तब राज्यों को चार श्रेणियों में बांटा गया:

  1. प्रवर्ग ‘अ’: पूर्व ब्रिटिश प्रांत, जैसे बिहार, बंगाल, और मद्रास।
  2. प्रवर्ग ‘ब’: पूर्व रियासतें या उनके समूह, जैसे हैदराबाद, मैसूर, और राजस्थान।
  3. प्रवर्ग ‘स’: छोटी रियासतें और क्षेत्र, जैसे अजमेर, कूर्ग, और भोपाल।
  4. प्रवर्ग ‘द’: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह।

यह वर्गीकरण अस्थायी था, क्योंकि भाषाई और क्षेत्रीय विविधताओं के कारण एक नए ढांचे की मांग बढ़ रही थी।

भाषाई आधार पर पुनर्गठन: एक नया युग

स्वतंत्रता के बाद, भाषाई आधार पर राज्यों की मांग तेज हुई। विशेष रूप से दक्षिण भारत में तेलुगु भाषी लोग एक अलग राज्य चाहते थे। इस मांग को बल मिला जब पोत्ती श्रीरामुलु, एक गांधीवादी नेता, ने 1952 में तेलुगु भाषी राज्य के लिए आमरण अनशन किया। उनकी मृत्यु ने देशव्यापी आंदोलन को जन्म दिया।

आंध्र प्रदेश: पहला भाषाई राज्य

पोत्ती श्रीरामुलु की मृत्यु के बाद, 1 अक्टूबर 1953 को आंध्र प्रदेश को मद्रास प्रेसीडेंसी से अलग करके बनाया गया। यह भारत का पहला भाषाई आधार पर गठित राज्य था। इसने अन्य भाषाई समुदायों को भी अपने राज्यों की मांग के लिए प्रेरित किया।

फजल अली आयोग

भाषाई मांगों को व्यवस्थित करने के लिए 1953 में राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन किया गया, जिसकी अध्यक्षता फजल अली ने की। अन्य सदस्य थे एच. एन. कुंजरू और के. एम. पाणिक्कर। इस आयोग ने भाषाई और प्रशासनिक आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की सिफारिश की।

राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956

आयोग की सिफारिशों के आधार पर 1 नवंबर 1956 को राज्य पुनर्गठन अधिनियम लागू हुआ। इसके परिणामस्वरूप:

  • 14 राज्य: आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, बंबई, जम्मू-कश्मीर, केरल, मध्य प्रदेश, मद्रास, मैसूर, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल।
  • 6 केंद्रशासित प्रदेश: अंडमान और निकोबार, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, लक्षद्वीप, मणिपुर, त्रिपुरा।

इस अधिनियम ने मूल संविधान की चार श्रेणियों (‘अ’, ‘ब’, ‘स’, ‘द’) को समाप्त कर दिया और भाषाई आधार पर भारत का नक्शा नया रूप दिया।

राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का क्रमिक विकास

1956 के बाद, भारत में कई नए राज्य और केंद्रशासित प्रदेश बने। यह प्रक्रिया भाषाई, सांस्कृतिक, और प्रशासनिक जरूरतों के आधार पर हुई। कुछ प्रमुख उदाहरण:

1960: बंबई का विभाजन

  • बंबई प्रांत को भाषाई आधार पर दो राज्यों में बांटा गया: गुजरात (गुजराती भाषी) और महाराष्ट्र (मराठी भाषी)।

1963: नगालैंड

  • नगा लोगों की मांग के बाद नगालैंड को असम से अलग करके बनाया गया।

1966: पंजाब और हरियाणा

  • शाह आयोग की सिफारिशों के आधार पर पंजाब पुनर्गठन अधिनियम (1966) लागू हुआ। इसके तहत:
    • हरियाणा (हिंदी भाषी) को पंजाब से अलग किया गया।
    • पंजाब सिख-बहुल और पंजाबी भाषी राज्य बना।
    • चंडीगढ़ को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया।

1971: हिमाचल प्रदेश

  • हिमाचल प्रदेश को केंद्रशासित प्रदेश से पूर्ण राज्य का दर्जा मिला।

सिक्किम का एकीकरण

  • 1974: सिक्किम को 35वें संवैधानिक संशोधन द्वारा सहयुक्त राज्य (Associate State) बनाया गया।
  • 1975: 36वें संशोधन द्वारा सिक्किम भारत का 22वां पूर्ण राज्य बना।

1986-1987: पूर्वोत्तर के नए राज्य

  • मिजोरम (53वां संशोधन, 1986): मिजो लोगों की मांग के बाद केंद्रशासित प्रदेश से पूर्ण राज्य बना।
  • अरुणाचल प्रदेश (55वां संशोधन, 1986): पूर्ण राज्य का दर्जा।
  • गोवा (56वां संशोधन, 1987): दमन और दीव से अलग होकर पूर्ण राज्य बना।

2000: तीन नए राज्य

  • छत्तीसगढ़: मध्य प्रदेश से अलग, 1 नवंबर 2000।
  • उत्तराखंड: उत्तर प्रदेश से अलग, 9 नवंबर 2000। इसे विशेष वर्ग का दर्जा मिला।
  • झारखंड: बिहार से अलग, 15 नवंबर 2000।

2014: तेलंगाना

  • लंबे आंदोलन के बाद आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना 2 जून 2014 को भारत का 29वां राज्य बना।

2019: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख

  • अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया। इससे राज्यों की संख्या 28 हो गई।

केंद्रशासित प्रदेशों का गठन

केंद्रशासित प्रदेश वे क्षेत्र हैं जो सीधे केंद्र सरकार के अधीन होते हैं। कुछ प्रमुख उदाहरण:

  • पुडुचेरी: 1954 में फ्रांस ने भारत को सौंपा, 1962 में केंद्रशासित प्रदेश बना।
  • गोवा, दमन, और दीव: 1961 में पुर्तगाली शासन से मुक्त, केंद्रशासित प्रदेश बने। गोवा 1987 में पूर्ण राज्य बना।
  • वर्तमान केंद्रशासित प्रदेश (2025): अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, लक्षद्वीप, पुडुचेरी।

संवैधानिक प्रावधान

भारतीय संविधान ने राज्यों के गठन और पुनर्गठन के लिए स्पष्ट ढांचा प्रदान किया:

  • अनुच्छेद 1: भारत को “राज्यों का संघ” (Union of States) के रूप में वर्णित करता है। यह शब्दावली भारत की एकात्मक और संघीय विशेषताओं को दर्शाती है।
  • अनुच्छेद 3: संसद को निम्नलिखित अधिकार देता है:
    • नए राज्य बनाना।
    • मौजूदा राज्यों की सीमाओं या नामों में बदलाव करना।
    • राज्यों के क्षेत्र को बढ़ाना या घटाना।
    • इस प्रक्रिया के लिए राष्ट्रपति की सिफारिश अनिवार्य है।
    • संसद प्रभावित राज्य के विधानमंडल से राय ले सकती है, लेकिन यह बाध्यकारी नहीं है।
  • अनुच्छेद 368: संवैधानिक संशोधनों के लिए है, लेकिन राज्य पुनर्गठन अनुच्छेद 3 के तहत होता है, न कि 368 के।

विशेष तथ्य और महत्व

  • भाषाई पुनर्गठन का प्रभाव: 1956 के पुनर्गठन ने भारत की विविधता को संरक्षित करते हुए प्रशासनिक एकरूपता लाई। यह भारतीय एकता का प्रतीक बना।
  • विशेष वर्ग के राज्य: उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों को विशेष वर्ग का दर्जा मिला, ताकि उन्हें आर्थिक और विकास सहायता मिल सके।
  • संसद की सर्वोच्चता: राज्यों के गठन और सीमाओं में बदलाव का अधिकार संसद के पास है, जो भारत की एकात्मक प्रकृति को दर्शाता है।
  • विवाद और समाधान: हैदराबाद, जम्मू-कश्मीर, और तेलंगाना जैसे मामलों में राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों ने गठन को प्रभावित किया।

वर्तमान स्थिति (2025)

  • राज्य: 28 (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद)।
  • केंद्रशासित प्रदेश: 8।
  • संवैधानिक ढांचा: भारत एक “राज्यों का संघ” है, जिसमें केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का संतुलन है।

महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

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भारत में राज्यों का गठन और पुनर्गठन क्विज

1. भारत में राज्यों के पुनर्गठन से पहले 1948 में किस आयोग ने प्रारंभिक सिफारिशें दी थीं?
(A) धर आयोग
(B) फजल अली आयोग
(C) शाह आयोग
(D) जे. वी. पी. समिति
सही उत्तर: (A) धर आयोग
धर आयोग (1948) का गठन भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की संभावनाओं का अध्ययन करने के लिए किया गया था। इसने भाषाई आधार पर पुनर्गठन का विरोध किया, लेकिन इसकी सिफारिशों ने बाद में फजल अली आयोग (1953) के गठन का मार्ग प्रशस्त किया।
2. भारतीय संविधान के लागू होने के समय (1950) में कितने प्रवर्ग ‘अ’ राज्य थे?
(A) 9
(B) 8
(C) 10
(D) 7
सही उत्तर: (A) 9
1950 में संविधान लागू होने पर प्रवर्ग ‘अ’ में 9 पूर्व ब्रिटिश प्रांत शामिल थे: असम, बिहार, बंबई, मध्य प्रांत, मद्रास, उड़ीसा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल।
3. किस रियासत को भारत में विलय के लिए जनमत संग्रह का सहारा लिया गया था?
(A) हैदराबाद
(B) जूनागढ़
(C) जम्मू-कश्मीर
(D) मैसूर
सही उत्तर: (B) जूनागढ़
जूनागढ़ के नवाब ने 1947 में पाकिस्तान में शामिल होने का फैसला किया, लेकिन जनता ने भारत के पक्ष में मतदान किया। जनमत संग्रह के बाद जूनागढ़ भारत में शामिल हुआ। हैदराबाद में सैन्य कार्रवाई (ऑपरेशन पोलो) और जम्मू-कश्मीर में विलय पत्र का उपयोग हुआ।
4. 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के बाद कौन सा क्षेत्र केंद्रशासित प्रदेश के रूप में स्थापित हुआ?
(A) मणिपुर
(B) मध्य प्रदेश
(C) केरल
(D) गुजरात
सही उत्तर: (A) मणिपुर
1956 के पुनर्गठन के बाद मणिपुर को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया। मध्य प्रदेश और केरल पूर्ण राज्य बने, जबकि गुजरात 1960 में बंबई से अलग होकर बना।
5. किस संवैधानिक संशोधन ने मणिपुर को पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया?
(A) 21वां संशोधन
(B) 27वां संशोधन
(C) 30वां संशोधन
(D) 35वां संशोधन
सही उत्तर: (B) 27वां संशोधन
27वें संवैधानिक संशोधन (1971) के तहत मणिपुर और त्रिपुरा को केंद्रशासित प्रदेश से पूर्ण राज्य का दर्जा मिला।
6. 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत कितने पूर्ण राज्य बनाए गए थे?
(A) 12
(B) 14
(C) 16
(D) 18
सही उत्तर: (B) 14
1956 के अधिनियम ने 14 पूर्ण राज्य बनाए: आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, बंबई, जम्मू-कश्मीर, केरल, मध्य प्रदेश, मद्रास, मैसूर, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल।
7. निम्नलिखित में से कौन सा राज्य 1956 में भाषाई आधार पर नहीं बना था?
(A) केरल
(B) जम्मू-कश्मीर
(C) कर्नाटक
(D) आंध्र प्रदेश
सही उत्तर: (B) जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर 1947 में विलय पत्र के माध्यम से भारत में शामिल हुआ और इसे 1956 में भी पूर्ण राज्य का दर्जा बनाए रखा गया। यह भाषाई आधार पर नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और भौगोलिक आधार पर था। अन्य राज्य भाषाई आधार पर बने।
8. किस वर्ष त्रिपुरा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला?
(A) 1971
(B) 1963
(C) 1987
(D) 1956
सही उत्तर: (A) 1971
त्रिपुरा को 27वें संवैधानिक संशोधन (1971) के तहत केंद्रशासित प्रदेश से पूर्ण राज्य का दर्जा मिला।
9. 1960 में बंबई प्रांत के विभाजन से कौन से दो राज्य बने?
(A) गुजरात और महाराष्ट्र
(B) गुजरात और गोवा
(C) महाराष्ट्र और कर्नाटक
(D) गोवा और कर्नाटक
सही उत्तर: (A) गुजरात और महाराष्ट्र
बंबई प्रांत को 1 मई 1960 को भाषाई आधार पर विभाजित किया गया, जिससे गुजरात (गुजराती भाषी) और महाराष्ट्र (मराठी भाषी) बने।
10. निम्नलिखित में से किस केंद्रशासित प्रदेश को 2020 में दो अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किया गया?
(A) दिल्ली
(B) जम्मू-कश्मीर
(C) पुडुचेरी
(D) दमन और दीव
सही उत्तर: (B) जम्मू-कश्मीर
2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, जम्मू-कश्मीर को 2020 में दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किया गया: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख।
11. किस आयोग ने मणिपुर और त्रिपुरा को पूर्ण राज्य बनाने की सिफारिश की थी?
(A) फजल अली आयोग
(B) कोई आयोग नहीं
(C) शाह आयोग
(D) धर आयोग
सही उत्तर: (B) कोई आयोग नहीं
मणिपुर और त्रिपुरा को 1971 में 27वें संशोधन द्वारा पूर्ण राज्य बनाया गया। इस प्रक्रिया में किसी विशेष आयोग की सिफारिश शामिल नहीं थी।
12. भारत में राज्यों की सीमाओं में परिवर्तन करने का अधिकार किस अनुच्छेद के तहत है?
(A) अनुच्छेद 2
(B) अनुच्छेद 3
(C) अनुच्छेद 4
(D) अनुच्छेद 368
सही उत्तर: (B) अनुच्छेद 3
अनुच्छेद 3 संसद को नए राज्य बनाने, सीमाओं में बदलाव करने, और राज्यों के नाम बदलने का अधिकार देता है। अनुच्छेद 368 संवैधानिक संशोधनों के लिए है।
13. किस वर्ष दादरा और नगर हवेली को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया?
(A) 1954
(B) 1961
(C) 1956
(D) 1963
सही उत्तर: (B) 1961
दादरा और नगर हवेली को 1961 में पुर्तगाली शासन से मुक्त कराकर केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया।
14. निम्नलिखित में से किस राज्य का गठन 2000 में नहीं हुआ था?
(A) छत्तीसगढ़
(B) उत्तराखंड
(C) झारखंड
(D) तेलंगाना
सही उत्तर: (D) तेलंगाना
छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, और झारखंड का गठन 2000 में हुआ, जबकि तेलंगाना 2014 में बना।
15. भारत में राज्यों के पुनर्गठन से पहले भाषाई मांगों को व्यवस्थित करने के लिए कौन सी समिति गठित की गई थी?
(A) जे. वी. पी. समिति
(B) फजल अली समिति
(C) धर समिति
(D) शाह समिति
सही उत्तर: (A) जे. वी. पी. समिति
जे. वी. पी. समिति (जवाहरलाल नेहरू, वल्लभ भाई पटेल, और पट्टाभि सीतारमैया) ने 1948 में भाषाई आधार पर राज्यों की मांगों का अध्ययन किया, लेकिन इसने इसे अव्यावहारिक माना। बाद में फजल अली आयोग ने इसे लागू किया।
16. किस वर्ष लक्षद्वीप को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा मिला?
(A) 1956
(B) 1962
(C) 1950
(D) 1973
सही उत्तर: (A) 1956
लक्षद्वीप को 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया।
17. निम्नलिखित में से किस राज्य को विशेष वर्ग का दर्जा प्राप्त नहीं है?
(A) उत्तराखंड
(B) हिमाचल प्रदेश
(C) मध्य प्रदेश
(D) मणिपुर
सही उत्तर: (C) मध्य प्रदेश
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, और मणिपुर को विशेष वर्ग का दर्जा मिला है ताकि उन्हें अतिरिक्त वित्तीय सहायता मिल सके। मध्य प्रदेश को यह दर्जा प्राप्त नहीं है।
18. किस संवैधानिक संशोधन ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया?
(A) 18वां संशोधन
(B) 21वां संशोधन
(C) 25वां संशोधन
(D) 27वां संशोधन
सही उत्तर: (A) 18वां संशोधन
18वें संवैधानिक संशोधन (1971) ने हिमाचल प्रदेश को केंद्रशासित प्रदेश से पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया।
19. निम्नलिखित में से कौन सा राज्य 1956 में नहीं बना था?
(A) केरल
(B) मध्य प्रदेश
(C) गुजरात
(D) कर्नाटक
सही उत्तर: (C) गुजरात
केरल, मध्य प्रदेश, और कर्नाटक (पूर्व मैसूर) 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत बने। गुजरात 1960 में बंबई के विभाजन से बना।
20. भारतीय संविधान में राज्यों के पुनर्गठन के लिए विधेयक को संसद में पेश करने से पहले किसकी मंजूरी आवश्यक है?
(A) प्रधानमंत्री
(B) गृह मंत्री
(C) राष्ट्रपति
(D) मुख्य न्यायाधीश
सही उत्तर: (C) राष्ट्रपति
अनुच्छेद 3 के तहत राज्यों के पुनर्गठन से संबंधित विधेयक को संसद में पेश करने से पहले राष्ट्रपति की सिफारिश अनिवार्य है।
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