प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद्
भारत का संविधान संसदीय शासन प्रणाली पर आधारित है, जिसमें प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद् कार्यपालिका के प्रमुख अंग हैं। संविधान के अनुच्छेद 74 और अनुच्छेद 75 में मंत्रिपरिषद् और प्रधानमंत्री से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख किया गया है। यह अध्याय भारत के प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद् की संरचना, नियुक्ति, शक्तियाँ, उत्तरदायित्व, और ऐतिहासिक तथ्यों को विस्तार से प्रस्तुत करता है, जो सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी है।
संवैधानिक प्रावधान
अनुच्छेद 74:
- इस अनुच्छेद के अनुसार, राष्ट्रपति को उसके कार्यों के सम्पादन और सलाह देने हेतु एक मंत्रिपरिषद् होती है, जिसका प्रधान प्रधानमंत्री होता है।
- राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद् की सलाह के अनुसार कार्य करना होता है, सिवाय उन मामलों के जहाँ संविधान में अन्यथा प्रावधान हो।
- 42वें संशोधन (1976) ने मंत्रिपरिषद् की सलाह को बाध्यकारी बनाया, लेकिन 44वें संशोधन (1978) ने राष्ट्रपति को सलाह पर पुनर्विचार के लिए एक बार वापस भेजने का अधिकार दिया।
अनुच्छेद 75:
- प्रधानमंत्री की नियुक्ति: राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। सामान्यतः लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल/गठबंधन का नेता प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाता है।
- अन्य मंत्रियों की नियुक्ति: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सलाह पर अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है।
- संसद सदस्यता: मंत्रिपरिषद् का सदस्य बनने के लिए व्यक्ति का संसद के किसी एक सदन (लोकसभा या राज्यसभा) का सदस्य होना आवश्यक है। यदि कोई व्यक्ति नियुक्ति के समय संसद सदस्य नहीं है, तो उसे 6 महीने के भीतर संसद का सदस्य बनना अनिवार्य है, अन्यथा उसे अपना पद छोड़ना होगा।
- शपथ: प्रत्येक मंत्री (प्रधानमंत्री सहित) को राष्ट्रपति के समक्ष पद और गोपनीयता की शपथ लेनी होती है।
- सामूहिक उत्तरदायित्व: मंत्रिपरिषद् सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है। यदि लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव पारित करती है, तो समस्त मंत्रिपरिषद् को त्यागपत्र देना होता है।
- वेतन और सुविधाएँ: सभी मंत्रियों (कैबिनेट, राज्य, और उपमंत्री) को निःशुल्क आवास, वेतन, और अन्य सुविधाएँ प्राप्त होती हैं, जो संसद द्वारा निर्धारित होती हैं।
अनुच्छेद 78:
- प्रधानमंत्री का यह कर्तव्य है कि वह राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद् के निर्णयों और विधायी प्रस्तावों की जानकारी दे। वह राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद् के कार्यों से संबंधित सभी आवश्यक सूचनाएँ प्रदान करता है।
मंत्रिपरिषद् की संरचना
मंत्रिपरिषद् में तीन प्रकार के मंत्री शामिल होते हैं:
- कैबिनेट मंत्री:
- ये मंत्रिपरिषद् के वरिष्ठ सदस्य होते हैं और किसी मंत्रालय या विभाग के प्रमुख होते हैं।
- कैबिनेट मंत्रियों और प्रधानमंत्री को मिलाकर मंत्रिमंडल (Cabinet) का गठन होता है।
- कैबिनेट नीतिगत निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- राज्य मंत्री:
- ये कैबिनेट मंत्रियों के अधीन कार्य करते हैं। कुछ मामलों में इन्हें स्वतंत्र प्रभार भी दिया जा सकता है।
- उपमंत्री:
- ये सबसे निचले स्तर के मंत्री होते हैं और कैबिनेट या राज्य मंत्रियों की सहायता करते हैं।
मंत्रिमंडल का आकार:
- 91वें संशोधन (2003) के अनुसार, मंत्रिपरिषद् का कुल आकार लोकसभा की कुल सदस्य संख्या (545) के 15% से अधिक नहीं हो सकता। यानी अधिकतम 81 मंत्री हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री की नियुक्ति और भूमिका
नियुक्ति:
- राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल या गठबंधन के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाता है।
- यदि किसी दल को स्पष्ट बहुमत न मिले, तो राष्ट्रपति अपने विवेक से उस व्यक्ति को नियुक्त करता है जो लोकसभा में बहुमत सिद्ध कर सके।
शपथ:
- प्रधानमंत्री को पद और गोपनीयता की शपथ लेनी होती है, जो राष्ट्रपति द्वारा दिलाई जाती है।
प्रमुख भूमिकाएँ:
- मंत्रिपरिषद् का प्रमुख: मंत्रियों के बीच कार्यों का बंटवारा और समन्वय करता है।
- राष्ट्रपति का सलाहकार: राष्ट्रपति को सभी महत्वपूर्ण मामलों में सलाह देता है।
- लोकसभा का नेता: संसद में सरकार का नेतृत्व करता है।
- योजना आयोग/नीति आयोग का अध्यक्ष: प्रधानमंत्री नीति आयोग का पदेन अध्यक्ष होता है।
- कैबिनेट बैठकों की अध्यक्षता: महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों में नेतृत्व प्रदान करता है।
- लोकसभा भंग करने की सलाह: प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति लोकसभा को भंग कर सकता है।
मंत्रिपरिषद् की शक्तियाँ और कार्य
- कार्यपालिका शक्तियाँ:
- मंत्रिपरिषद् सरकार की नीतियों को लागू करती है और सभी महत्वपूर्ण प्रशासनिक निर्णय लेती है।
- मंत्रियों को विभिन्न मंत्रालयों/विभागों का प्रभार सौंपा जाता है।
- नीति निर्माण:
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नीतियों का निर्माण मंत्रिपरिषद् द्वारा किया जाता है।
- कैबिनेट समितियाँ (जैसे सुरक्षा, आर्थिक मामले आदि) नीतियों को लागू करने में सहायता करती हैं।
- वित्तीय शक्तियाँ:
- मंत्रिपरिषद् बजट तैयार करती है और वित्तीय नीतियों को निर्धारित करती है।
- नियुक्ति शक्तियाँ:
- मंत्रिपरिषद् की सलाह पर राष्ट्रपति उच्च पदों (जैसे मुख्य न्यायाधीश, UPSC अध्यक्ष, CAG आदि) पर नियुक्तियाँ करता है।
- संसदीय कार्य:
- मंत्रिपरिषद् विधायी एजेंडा तैयार करती है और संसद में विधेयकों को प्रस्तुत करती है।
- सामूहिक उत्तरदायित्व:
- मंत्रिपरिषद् सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है। यदि लोकसभा किसी एक मंत्री या मंत्रिपरिषद् के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करती है, तो समस्त मंत्रिपरिषद् को त्यागपत्र देना पड़ता है।
भारत के प्रधानमंत्रियों की सूची
नीचे भारत के प्रधानमंत्रियों की सूची दी गई है, जिसमें उनका कार्यकाल और महत्वपूर्ण तथ्य शामिल हैं:
क्र. | नाम | कार्यकाल | महत्वपूर्ण तथ्य |
---|---|---|---|
1. | जवाहरलाल नेहरू | 15.08.1947 – 27.05.1964 | सबसे लंबा कार्यकाल (16 साल, 9 महीने, 13 दिन); प्रथम प्रधानमंत्री; योजना आयोग के संस्थापक। |
2. | गुलजारी लाल नंदा (कार्यवाहक) | 27.05.1964 – 09.06.1964 | कार्यवाहक प्रधानमंत्री। |
3. | लाल बहादुर शास्त्री | 09.06.1964 – 11.01.1966 | “जय जवान, जय किसान” नारा; 1965 युद्ध में नेतृत्व। |
4. | गुलजारी लाल नंदा (कार्यवाहक) | 11.01.1966 – 24.01.1966 | दूसरी बार कार्यवाहक। |
5. | इंदिरा गांधी | 24.01.1966 – 24.03.1977 | प्रथम महिला प्रधानमंत्री; दो अलग-अलग कार्यकाल; प्रथम बार राज्यसभा सदस्य के रूप में PM बनीं। |
6. | मोरारजी देसाई | 24.03.1977 – 28.07.1979 | प्रथम गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री; जनता पार्टी सरकार। |
7. | चौधरी चरण सिंह | 28.07.1979 – 14.01.1980 | लोकसभा में कभी उपस्थित नहीं हुए; किसान नेता। |
8. | इंदिरा गांधी | 14.01.1980 – 31.10.1984 | दूसरा कार्यकाल; आपातकाल (1975-77) के लिए जानी जाती हैं। |
9. | राजीव गांधी | 31.10.1984 – 01.12.1989 | तकनीकी और संचार क्रांति को बढ़ावा। |
10. | विश्वनाथ प्रताप सिंह | 02.12.1989 – 10.11.1990 | विश्वास मत में असफल होने वाले प्रथम PM; मंडल आयोग लागू किया। |
11. | चंद्रशेखर | 10.11.1990 – 21.06.1991 | अल्पकालिक सरकार। |
12. | पी.वी. नरसिंह राव | 21.06.1991 – 16.05.1996 | आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत। |
13. | अटल बिहारी वाजपेयी | 16.05.1996 – 01.06.1996 | सबसे कम समय (13 दिन) तक PM रहे। |
14. | एच. डी. देवगौड़ा | 01.06.1996 – 21.04.1997 | संयुक्त मोर्चा सरकार। |
15. | इंद्र कुमार गुजराल | 21.04.1997 – 18.03.1998 | “गुजराल सिद्धांत” (विदेश नीति)। |
16. | अटल बिहारी वाजपेयी | 19.03.1998 – 13.10.1999 | परमाणु परीक्षण (पोखरण-II, 1998)। |
17. | अटल बिहारी वाजपेयी | 13.10.1999 – 21.05.2004 | NDA सरकार; स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना। |
18. | डॉ. मनमोहन सिंह | 22.05.2004 – 21.05.2009 | UPA-I; भारत-अमेरिका परमाणु समझौता। |
19. | डॉ. मनमोहन सिंह | 22.05.2009 – 26.05.2014 | UPA-II; आर्थिक सुधारों का विस्तार। |
20. | नरेंद्र मोदी | 26.05.2014 – वर्तमान (2025 तक) | NDA सरकार; डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रम। |
महत्वपूर्ण तथ्य
- सबसे लंबा कार्यकाल: जवाहरलाल नेहरू (16 साल, 9 महीने, 13 दिन)।
- सबसे कम कार्यकाल: अटल बिहारी वाजपेयी (13 दिन, 1996)।
- प्रथम महिला प्रधानमंत्री: इंदिरा गांधी (1966)।
- दो अलग-अलग कार्यकाल वाली प्रथम PM: इंदिरा गांधी।
- लोकसभा में कभी उपस्थित न होने वाले PM: चौधरी चरण सिंह।
- विश्वास मत में असफल प्रथम PM: विश्वनाथ प्रताप सिंह (1990)।
- कैबिनेट मंत्रियों में सबसे लंबा कार्यकाल: जगजीवन राम (लगभग 32 वर्ष)।
- कार्यवाहक प्रधानमंत्री: गुलजारी लाल नंदा (दो बार: 1964 और 1966)।
- प्रधानमंत्री की मृत्यु कार्यकाल के दौरान: जवाहरलाल नेहरू (1964), लाल बहादुर शास्त्री (1966), और इंदिरा गांधी (1984, हत्या)।
- राज्यसभा सदस्य के रूप में PM: इंदिरा गांधी (1966 में प्रथम बार)।
मंत्रिपरिषद् की विशेषताएँ
- सामूहिक उत्तरदायित्व: मंत्रिपरिषद् के सभी निर्णय सामूहिक होते हैं, और सभी सदस्य इसके लिए जिम्मेदार होते हैं।
- गोपनीयता: मंत्रिपरिषद् की बैठकों और निर्णयों की गोपनीयता बनाए रखना अनिवार्य है।
- कैबिनेट समितियाँ: विभिन्न नीतिगत मामलों के लिए कैबिनेट समितियाँ (जैसे सुरक्षा, आर्थिक मामले) गठित की जाती हैं।
- लोकसभा के प्रति उत्तरदायित्व: यदि लोकसभा किसी विधेयक को अस्वीकार करती है या अविश्वास प्रस्ताव पारित करती है, तो मंत्रिपरिषद् को सामूहिक रूप से इस्तीफा देना पड़ता है।
ऐतिहासिक और परीक्षा-उन्मुख तथ्य
- आपातकाल (1975-77): इंदिरा गांधी के नेतृत्व में लागू; संवैधानिक इतिहास में महत्वपूर्ण।
- आर्थिक उदारीकरण (1991): पी.वी. नरसिंह राव के नेतृत्व में शुरू।
- परमाणु परीक्षण (1998): अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में पोखरण-II।
- मंडल आयोग (1990): विश्वनाथ प्रताप सिंह द्वारा लागू, OBC आरक्षण का आधार।
- नीति आयोग: 2015 में योजना आयोग के स्थान पर स्थापित; नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में।
Polity
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