जाने आखिर क्यों हुआ प्रधानाचार्य के 1613 पदों का अधियाचन निरस्त

प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापक के 1613 पदों का अधियाचन निरस्त

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने 1613 पदों का अधियाचन निरस्त कर दिया है। इनमें 884 प्रधानाचार्य और 729 प्रधानाध्यापक के पद शामिल हैं। यह निर्णय उन पदों पर जारी विज्ञापन न होने और अन्य स्रोतों से भरे जाने की संभावना को देखते हुए लिया गया है।

अधियाचन निरस्त करने का कारण

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को 2019 और 2021 में 1613 पदों का अधियाचन मिला था।

  • हालांकि, इन पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी नहीं किया जा सका।
  • ऐसे में बोर्ड ने नए सिरे से इन पदों के अधियाचन को निरस्त कर दिया।

नए अधियाचन के लिए जिला विद्यालय निरीक्षकों को जिम्मेदारी दी गई है। अब नए सिरे से रिपोर्ट तैयार की जाएगी, ताकि इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ सके।


प्रमुख पद और उनकी स्थिति

  1. 884 प्रधानाचार्य पद
    • यह पद 2021-22 के अधियाचन का हिस्सा थे।
  2. 729 प्रधानाध्यापक पद
    • ये पद 2019-20 के अधियाचन में शामिल थे।

इन पदों के निरस्त होने से नए अधियाचन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिससे भर्ती प्रक्रिया को पुनः गति मिलेगी।


भ्रष्टाचार की शिकायतें और पारदर्शिता का प्रयास

चयन बोर्ड को भ्रष्टाचार की शिकायतों के साथ पर्याप्त साक्ष्य भी मिले हैं।

  • यह आरोप लगाया गया कि साक्षात्कार प्रक्रिया में अनियमितताएं हुईं।
  • इसके कारण बोर्ड ने निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए नई प्रक्रिया अपनाने का निर्णय लिया।

यदि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी सामने आती है, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ऑनलाइन पोर्टल से प्रक्रिया होगी सरल

नए अधियाचन के लिए बोर्ड ने ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग करने का निर्णय लिया है।

  • यह प्रक्रिया उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन नियमावली 2023 के तहत संचालित होगी।
  • जिलों से ऑनलाइन रिपोर्ट मिलने के बाद पदों की स्थिति स्पष्ट की जाएगी।

क्या है अगले कदम?

  1. नए अधियाचन का निर्धारण

    • जिला विद्यालय निरीक्षकों से रिपोर्ट लेकर नए पदों की मांग तय की जाएगी।
  2. अधियाचन का पुनः विज्ञापन

    • अधियाचन निरस्त होने के बाद अब नए सिरे से विज्ञापन जारी किया जाएगा।
  3. पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना

    • सभी शिकायतों की जांच करते हुए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

अधियाचन निरस्त होने के असर

इस निर्णय से उन उम्मीदवारों के लिए नई संभावनाएं खुलेंगी जो इन पदों के लिए योग्य हैं।

  • नई प्रक्रिया के तहत चयन बोर्ड पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करेगा।
  • ऑनलाइन प्रक्रिया से भर्ती प्रक्रिया तेज और सुगम होगी।

निष्कर्ष:
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का यह निर्णय भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और भरोसे को बढ़ावा देगा। नए अधियाचन से उम्मीदवारों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे। सभी योग्य अभ्यर्थियों को इस प्रक्रिया पर नजर बनाए रखनी चाहिए।