पंचवर्षीय योजनाएं: नोट्स व प्रैक्टिस सेट
पंचवर्षीय योजनाएं भारत सरकार द्वारा आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए तैयार की गई योजनाएं हैं, जो पांच वर्ष की अवधि के लिए बनाई जाती हैं। ये योजनाएं देश के संसाधनों का नियोजित उपयोग, आर्थिक विकास, सामाजिक समानता, और गरीबी उन्मूलन जैसे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बनाई गई हैं। इन योजनाओं का आधार सोवियत संघ की नियोजित अर्थव्यवस्था से प्रेरित है। भारत में पंचवर्षीय योजनाएं 1951 में शुरू हुईं और 2017 तक कुल 12 पंचवर्षीय योजनाएं लागू की गईं। नीति आयोग के गठन के बाद पंचवर्षीय योजनाओं को समाप्त कर दीर्घकालिक रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह नोट्स यूपीएससी, एसएससी, और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी तथ्यों को कवर करता है।
पंचवर्षीय योजनाओं की पृष्ठभूमि
प्रेरणा: सोवियत संघ की नियोजित अर्थव्यवस्था मॉडल से प्रेरित।
प्रारंभ: पहली पंचवर्षीय योजना 1951 में शुरू हुई।
संस्थान: योजना आयोग (Planning Commission) की स्थापना 1950 में हुई, जिसे 2015 में नीति आयोग (NITI Aayog) ने प्रतिस्थापित किया।
उद्देश्य: आर्थिक विकास, आत्मनिर्भरता, सामाजिक समानता, और क्षेत्रीय असंतुलन को कम करना।
अवधि: प्रत्येक योजना 5 वर्ष की होती थी, जिसमें मध्यावधि मूल्यांकन और समीक्षा शामिल थी।
वर्तमान स्थिति: 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-2017) के बाद नीति आयोग ने 15-वर्षीय विजन दस्तावेज, 7-वर्षीय मध्यम अवधि रणनीति, और 3-वर्षीय कार्य योजना को अपनाया।
पंचवर्षीय योजनाओं का अवलोकन
नीचे सभी 12 पंचवर्षीय योजनाओं का विस्तृत विवरण, उनके उद्देश्य, उपलब्धियां, और परीक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य दिए गए हैं।
1. प्रथम पंचवर्षीय योजना (1951-1956)
आधार मॉडल: हर्रोड-डोमर मॉडल (Harrod-Domar Model)।
उद्देश्य:
कृषि और सिंचाई पर जोर।
बुनियादी ढांचे (बिजली, परिवहन) का विकास।
सामुदायिक विकास कार्यक्रम शुरू करना।
लक्ष्य:
राष्ट्रीय आय में 11% की वृद्धि (वास्तविक उपलब्धि: 18%)।
प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां:
भाखड़ा नंगल बांध, हीराकुंड बांध, और मेट्टूर बांध जैसी परियोजनाएं शुरू।
सामुदायिक विकास कार्यक्रम (CDP) और राष्ट्रीय विस्तार सेवा (NES) की शुरुआत।
पांच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) की स्थापना।
विकास दर: लक्ष्य 2.1% प्रतिवर्ष, उपलब्धि 3.6% प्रतिवर्ष।
परीक्षा तथ्य:
पहली योजना सबसे सफल थी क्योंकि यह कृषि-प्रधान थी और लक्ष्य से अधिक विकास दर हासिल की।
इस दौरान खाद्य उत्पादन में 20% की वृद्धि हुई।
2. द्वितीय पंचवर्षीय योजना (1956-1961)
आधार मॉडल: पी.सी. महलनोबिस मॉडल (औद्योगिक विकास पर जोर)।
उद्देश्य:
भारी उद्योगों (इस्पात, रसायन, मशीनरी) का विकास।
आत्मनिर्भरता और औद्योगीकरण।
सामाजिक सेवाओं (शिक्षा, स्वास्थ्य) का विस्तार।
लक्ष्य:
राष्ट्रीय आय में 25% की वृद्धि।
औद्योगिक उत्पादन में 25% की वृद्धि।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां:
भिलाई, राउरकेला, और दुर्गापुर में इस्पात संयंत्र स्थापित।
परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की शुरुआत (1956 में अप्सरा रिएक्टर)।
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) की स्थापना।
विकास दर: लक्ष्य 4.5% प्रतिवर्ष, उपलब्धि 4.2% प्रतिवर्ष।
परीक्षा तथ्य:
इस योजना को “औद्योगिक योजना” कहा जाता है।
विदेशी मुद्रा संकट और मुद्रास्फीति की समस्या उत्पन्न हुई।
समाजवादी ढांचे की नींव रखी गई।
3. तृतीय पंचवर्षीय योजना (1961-1966)
उद्देश्य:
आत्मनिर्भर और आत्म-उत्पादक अर्थव्यवस्था।
कृषि और उद्योग में संतुलित विकास।
रक्षा और भारी उद्योगों पर जोर।
लक्ष्य:
राष्ट्रीय आय में 30% की वृद्धि।
खाद्य उत्पादन में 30% की वृद्धि।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां:
हरित क्रांति की शुरुआत (उच्च उपज वाली किस्मों का उपयोग)।
बोकारो इस्पात संयंत्र की स्थापना।
भारतीय खाद्य निगम (FCI) और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) की स्थापना।
विकास दर: लक्ष्य 5.6% प्रतिवर्ष, उपलब्धि केवल 2.8% प्रतिवर्ष।
परीक्षा तथ्य:
इस योजना को “असफल योजना” माना जाता है।
कारण: भारत-चीन युद्ध (1962), भारत-पाक युद्ध (1965), और सूखा।
विदेशी सहायता पर निर्भरता बढ़ी।
4. योजना अवकाश (1966-1969)
कारण:
तृतीय योजना की असफलता, युद्ध, और आर्थिक संकट।
विदेशी मुद्रा भंडार में कमी और मुद्रास्फीति।
विशेषताएं:
इस अवधि में वार्षिक योजनाएं लागू की गईं।
हरित क्रांति को बढ़ावा (उच्च उपज वाली किस्मों और सिंचाई सुविधाओं पर जोर)।
14 प्रमुख बैंकों का राष्ट्रीयकरण (1969)।
परीक्षा तथ्य:
इस अवधि को “प्लान हॉलिडे” कहा जाता है।
हरित क्रांति के जनक: डॉ. नॉर्मन बोरलॉग और भारत में डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन।
5. चतुर्थ पंचवर्षीय योजना (1969-1974)
उद्देश्य:
विकास के साथ स्थिरता।
गरीबी उन्मूलन और आत्मनिर्भरता।
सामाजिक न्याय और समानता।
लक्ष्य:
राष्ट्रीय आय में 5.7% की वृद्धि।
खाद्य उत्पादन में वृद्धि।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां:
हरित क्रांति का विस्तार (गेहूं और चावल उत्पादन में वृद्धि)।
ऑपरेशन फ्लड (श्वेत क्रांति) की शुरुआत।
बांग्लादेश मुक्ति युद्ध (1971)।
विकास दर: लक्ष्य 5.7% प्रतिवर्ष, उपलब्धि 3.3% प्रतिवर्ष।
परीक्षा तथ्य:
“गरीबी हटाओ” नारा इस योजना से जुड़ा।
भारत-पाक युद्ध (1971) और तेल संकट (1973) ने योजना को प्रभावित किया।
न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम (Minimum Needs Programme) शुरू।
6. पंचम पंचवर्षीय योजना (1974-1979)
उद्देश्य:
गरीबी उन्मूलन।
आर्थिक आत्मनिर्भरता।
सामाजिक और क्षेत्रीय समानता।
लक्ष्य:
राष्ट्रीय आय में 4.4% की वृद्धि।
बुनियादी ढांचे का विकास।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां:
एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) की शुरुआत (1975)।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB) की स्थापना (1975)।
20-सूत्री कार्यक्रम की शुरुआत (1975)।
विकास दर: लक्ष्य 4.4% प्रतिवर्ष, उपलब्धि 4.8% प्रतिवर्ष।
परीक्षा तथ्य:
यह योजना समय से एक वर्ष पहले (1978 में) समाप्त की गई।
जनता सरकार ने इसे समाप्त कर “रोलिंग प्लान” (1978-1980) शुरू किया।
आपातकाल (1975-1977) इस योजना के दौरान लागू हुआ।
7. छठी पंचवर्षीय योजना (1980-1985)
उद्देश्य:
गरीबी उन्मूलन और रोजगार सृजन।
आधुनिक तकनीक का उपयोग।
सामाजिक सेवाओं का विस्तार।
लक्ष्य:
राष्ट्रीय आय में 5.2% की वृद्धि।
कृषि और उद्योग में संतुलन।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां:
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम (NREP) और ग्रामीण भूमिहीन रोजगार गारंटी कार्यक्रम (RLEGP) शुरू।
तेल और प्राकृतिक गैस आयोग (ONGC) का विस्तार।
प्रौद्योगिकी और संचार क्षेत्र में प्रगति।
विकास दर: लक्ष्य 5.2% प्रतिवर्ष, उपलब्धि 5.7% प्रतिवर्ष।
परीक्षा तथ्य:
इस योजना को “आधुनिकीकरण की योजना” कहा जाता है।
भारत में पहली बार रंगीन टेलीविजन प्रसारण शुरू (1982)।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से ऋण लिया गया।
8. सप्तम पंचवर्षीय योजना (1985-1990)
उद्देश्य:
खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भरता।
रोजगार सृजन और उत्पादकता में वृद्धि।
सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण।
लक्ष्य:
राष्ट्रीय आय में 5% की वृद्धि।
बुनियादी ढांचे का विकास।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां:
जवाहर रोजगार योजना (1989) शुरू।
नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर।
दूरसंचार क्रांति की शुरुआत।
विकास दर: लक्ष्य 5% प्रतिवर्ष, उपलब्धि 6% प्रतिवर्ष।
परीक्षा तथ्य:
इस योजना को “रोजगार सृजन की योजना” कहा जाता है।
आर्थिक उदारीकरण की नींव रखी गई।
इस दौरान दो वार्षिक योजनाएं (1990-1992) लागू हुईं।
9. अष्टम पंचवर्षीय योजना (1992-1997)
उद्देश्य:
मानव संसाधन विकास (शिक्षा, स्वास्थ्य)।
आर्थिक उदारीकरण और वैश्वीकरण।
बुनियादी ढांचे का विकास।
लक्ष्य:
राष्ट्रीय आय में 5.6% की वृद्धि।
निर्यात में वृद्धि।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां:
आर्थिक सुधार (1991) का प्रभाव: निजीकरण, उदारीकरण, और वैश्वीकरण।
राष्ट्रीय साक्षरता मिशन का विस्तार।
पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने के लिए 73वां और 74वां संविधान संशोधन (1992)।
विकास दर: लक्ष्य 5.6% प्रतिवर्ष, उपलब्धि 6.8% प्रतिवर्ष।
परीक्षा तथ्य:
इस योजना को “मानव विकास की योजना” कहा जाता है।
भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में प्रवेश किया (1995)।
आर्थिक सुधारों के जनक: डॉ. मनमोहन सिंह।
10. नवम पंचवर्षीय योजना (1997-2002)
उद्देश्य:
सामाजिक न्याय और समानता।
गरीबी उन्मूलन और रोजगार सृजन।
बुनियादी ढांचे का विकास।
लक्ष्य:
राष्ट्रीय आय में 6.5% की वृद्धि।
प्राथमिक शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां:
स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना (SGSY) शुरू।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) शुरू (2000)।
सूचना प्रौद्योगिकी (IT) क्षेत्र में वृद्धि।
विकास दर: लक्ष्य 6.5% प्रतिवर्ष, उपलब्धि 5.4% प्रतिवर्ष।
परीक्षा तथ्य:
इस योजना को “सामाजिक न्याय की योजना” कहा जाता है।
वैश्विक आर्थिक मंदी (1997-1998) और कारगिल युद्ध (1999) ने योजना को प्रभावित किया।
भारत ने परमाणु परीक्षण (पोखरण-II, 1998) किया।
11. दशम पंचवर्षीय योजना (2002-2007)
उद्देश्य:
आर्थिक विकास और सामाजिक समावेशन।
गरीबी कम करना (26% से 21%)।
शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार।
लक्ष्य:
राष्ट्रीय आय में 8% की वृद्धि।
प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करना।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां:
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA, 2005) शुरू।
सर्व शिक्षा अभियान (SSA) का विस्तार।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) शुरू (2005)।
विकास दर: लक्ष्य 8% प्रतिवर्ष, उपलब्धि 7.7% प्रतिवर्ष।
परीक्षा तथ्य:
इस योजना को “सामाजिक समावेशन की योजना” कहा जाता है।
भारत ने पहली बार 8% की विकास दर के करीब पहुंचा।
सूचना प्रौद्योगिकी और सेवा क्षेत्र में तेजी।
12. द्वादश पंचवर्षीय योजना (2012-2017)
उद्देश्य:
तीव्र, समावेशी, और सतत विकास।
गरीबी उन्मूलन और बुनियादी ढांचे का विकास।
पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा दक्षता।
लक्ष्य:
राष्ट्रीय आय में 8% की वृद्धि।
गरीबी दर में 10% की कमी।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां:
आधार (UIDAI) परियोजना का विस्तार।
मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, और स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रम शुरू।
स्वच्छ भारत अभियान (2014) शुरू।
विकास दर: लक्ष्य 8% प्रतिवर्ष, उपलब्धि 7.1% प्रतिवर्ष।
परीक्षा तथ्य:
यह अंतिम पंचवर्षीय योजना थी।
नीति आयोग ने इसे समाप्त कर दीर्घकालिक रणनीतियों को अपनाया।
“तीव्र, समावेशी, और सतत विकास” इस योजना का मुख्य नारा था।
पंचवर्षीय योजनाओं के समाप्त होने के कारण
नीति आयोग का गठन (2015): योजना आयोग को नीति आयोग ने प्रतिस्थापित किया।
नई रणनीति: 15-वर्षीय विजन दस्तावेज, 7-वर्षीय मध्यम अवधि रणनीति, और 3-वर्षीय कार्य योजना।
आर्थिक सुधार: वैश्वीकरण और निजीकरण के दौर में नियोजित अर्थव्यवस्था की प्रासंगिकता कम हुई।
लचीलापन: वार्षिक योजनाओं और लचीली नीतियों की आवश्यकता।
नीति आयोग और भविष्य की रणनीतियां
नीति आयोग (NITI Aayog):
स्थापना: 1 जनवरी 2015।
उद्देश्य: सहकारी संघवाद, दीर्घकालिक नीतियां, और राज्यों के साथ समन्वय।
प्रमुख दस्तावेज:
विजन 2030: भारत को 2030 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य।
7-वर्षीय रणनीति (2017-2024): समावेशी विकास और डिजिटल परिवर्तन।
3-वर्षीय कार्य योजना: अल्पकालिक लक्ष्यों पर ध्यान।
महत्वपूर्ण पहल:
आत्मनिर्भर भारत अभियान।
डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, और मेक इन इंडिया।
सतत विकास लक्ष्य (SDG) पर जोर।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य और प्रश्न
प्रथम पंचवर्षीय योजना:
आधार मॉडल: हर्रोड-डोमर।
विकास दर: 3.6% (लक्ष्य 2.1%)।
प्रमुख परियोजना: भाखड़ा नंगल बांध।
द्वितीय पंचवर्षीय योजना:
आधार मॉडल: महलनोबिस।
नारा: औद्योगीकरण।
इस्पात संयंत्र: भिलाई, राउरकेला, दुर्गापुर।
तृतीय योजना की असफलता:
कारण: भारत-चीन युद्ध (1962), भारत-पाक युद्ध (1965), सूखा।
विकास दर: 2.8% (लक्ष्य 5.6%)।
हरित क्रांति:
शुरू: 1960 के दशक में (तृतीय योजना और योजना अवकाश)।
जनक: डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन (भारत), नॉर्मन बोरलॉग (विश्व)।
गरीबी हटाओ:
नारा: इंदिरा गांधी (चतुर्थ योजना)।
20-सूत्री कार्यक्रम: पंचम योजना।
आर्थिक सुधार (1991):
अष्टम योजना के दौरान।
जनक: डॉ. मनमोहन सिंह।
नीति: उदारीकरण, निजीकरण, वैश्वीकरण (LPG)।
नीति आयोग:
स्थापना: 2015।
पहला अध्यक्ष: नरेंद्र मोदी।
पहला उपाध्यक्ष: अरविंद पनगढ़िया।
महत्वपूर्ण योजनाएं और उनके प्रारंभ वर्ष:
ICDS: 1975 (पंचम योजना)।
NREGA (MGNREGA): 2005 (दशम योजना)।
PMGSY: 2000 (नवम योजना)।
स्वच्छ भारत अभियान: 2014 (द्वादश योजना)।
विकास दर का अवलोकन:
उच्चतम उपलब्धि: अष्टम योजना (6.8%)।
न्यूनतम उपलब्धि: तृतीय योजना (2.8%)।
आखिरी पंचवर्षीय योजना:
द्वादश योजना (2012-2017)।
नारा: तीव्र, समावेशी, और सतत विकास।
महत्वपूर्ण योजनाएं और कार्यक्रम
हरित क्रांति: कृषि उत्पादन में वृद्धि (1960 के दशक)।
श्वेत क्रांति: दुग्ध उत्पादन (ऑपरेशन फ्लड, 1970)।
20-सूत्री कार्यक्रम: गरीबी उन्मूलन और सामाजिक कल्याण (1975)।
MGNREGA: ग्रामीण रोजगार गारंटी (2005)।
सर्व शिक्षा अभियान: प्राथमिक शिक्षा का विस्तार (2001)।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM): ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं (2005)।
आधार परियोजना: विशिष्ट पहचान संख्या (2009, द्वादश योजना में विस्तार)।
स्वच्छ भारत अभियान: स्वच्छता और खुले में शौच मुक्ति (2014)।
पंचवर्षीय योजनाओं की विशेषताएं और थीम
योजना | अवधि | थीम/नारा | प्रमुख उपलब्धियां |
---|---|---|---|
प्रथम | 1951-1956 | कृषि और सिंचाई | भाखड़ा नंगल, IIT की स्थापना |
द्वितीय | 1956-1961 | औद्योगीकरण | इस्पात संयंत्र, परमाणु कार्यक्रम |
तृतीय | 1961-1966 | आत्मनिर्भरता | हरित क्रांति की शुरुआत |
चतुर्थ | 1969-1974 | गरीबी हटाओ | हरित क्रांति, श्वेत क्रांति |
पंचम | 1974-1979 | गरीबी उन्मूलन | ICDS, 20-सूत्री कार्यक्रम |
छठी | 1980-1985 | आधुनिकीकरण | NREP, RLEGP, रंगीन टीवी |
सप्तम | 1985-1990 | रोजगार सृजन | जवाहर रोजगार योजना |
अष्टम | 1992-1997 | मानव विकास | आर्थिक सुधार, पंचायती राज |
नवम | 1997-2002 | सामाजिक न्याय | SGSY, PMGSY, IT क्रांति |
दशम | 2002-2007 | सामाजिक समावेशन | MGNREGA, NRHM, SSA |
एकादश | 2007-2012 | समावेशी विकास | आधार, डिजिटल इंडिया |
द्वादश | 2012-2017 | तीव्र, समावेशी, सतत विकास | मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत |
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