युग्म शब्द (श्रुतिसमभिन्नार्थक) नोट्स एवं प्रैक्टिस सेट
युग्म शब्द (श्रुतिसमभिन्नार्थक) वे शब्द-जोड़े हैं जो सुनने में समान या बहुत समान प्रतीत होते हैं, लेकिन उनके अर्थ भिन्न होते हैं। ये शब्द उच्चारण में समानता के कारण भ्रम पैदा कर सकते हैं, लेकिन उनके अर्थ और प्रयोग अलग-अलग होते हैं। ये शब्द हिंदी भाषा में व्याकरण और शब्दावली की समझ के लिए महत्वपूर्ण हैं, विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए।
विशेषताएँ:
- उच्चारण में समानता: युग्म शब्दों का उच्चारण एक जैसा या बहुत मिलता-जुलता होता है।
- अर्थ में भिन्नता: इन शब्दों के अर्थ अलग-अलग होते हैं।
- लेखन में अंतर: इनका लेखन (वर्तनी) अलग हो सकता है।
- प्रयोग में सावधानी: गलत प्रयोग से वाक्य का अर्थ बदल सकता है।
उदाहरण:
- अनल – अनिल:
- अनल = आग
- अनिल = हवा
- कट – कट्ट:
- कट = काटना
- कट्ट = लकड़ी का टुकड़ा
महत्व:
- परीक्षा दृष्टिकोण: युग्म शब्द हिंदी व्याकरण, शब्दावली, और वाक्य सुधार जैसे प्रश्नों में पूछे जाते हैं।
- भाषा की शुद्धता: इनका सही प्रयोग भाषा को शुद्ध और प्रभावी बनाता है।
- भ्रम से बचाव: गलत शब्द के प्रयोग से अर्थ का अनर्थ होने से बचने के लिए इनका ज्ञान आवश्यक है।
प्रकार:
- पूर्ण समान उच्चारण: जैसे – दिन (दिवस) और दीन (गरीब)।
- आंशिक समान उच्चारण: जैसे – कनक (सोना) और कंक (हड्डी)।
परीक्षा में उपयोगिता:
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न: सही युग्म शब्द चुनना, अर्थ भेद पूछना।
- वाक्य सुधार: गलत शब्द को सही करना।
- शब्दावली: समानार्थी और युग्म शब्दों के अंतर को समझना।
सुझाव:
- युग्म शब्दों की सूची बनाएँ और उनके अर्थ, वाक्य प्रयोग को याद करें।
- नियमित अभ्यास करें, विशेष रूप से पुराने प्रश्नपत्रों से।
- शब्दकोश (Dictionary) का उपयोग करें ताकि अर्थ और प्रयोग स्पष्ट हो।
महत्वपूर्ण युग्म शब्दों की सूची (200 शब्द)
नीचे दी गई सूची में 100-100 युग्म शब्द-जोड़े (400 शब्द) दिए गए हैं जो प्रतियोगी परीक्षाओं (जैसे UPSSSC, UPPSC, UP POLICE, UPSC व अन्य राज्य परीक्षायें आदि) के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रत्येक जोड़े में शब्द और उनके अर्थ दिए गए हैं।
Part 1
- अंश – अंस
- अंश = हिस्सा
- अंस = कंधा
- अनल – अनिल
- अनल = आग
- अनिल = हवा
- अति – अती
- अति = बहुत
- अती = बीता हुआ
- अद – अद्
- अद = खाना
- अद् = भोजन करना
- अभय – अभ्य
- अभय = निर्भय
- अभ्य = अभ्यास
- अमल – अमूल
- अमल = कार्यान्वयन
- अमूल = बिना मूल्य
- अलि – अली
- अलि = भौंरा
- अली = सखी
- आस – आश
- आस = आशा
- आश = भोजन
- कट – कट्ट
- कट = काटना
- कट्ट = लकड़ी का टुकड़ा
- कनक – कंक
- कनक = सोना
- कंक = हड्डी
- कर – कर
- कर = हाथ
- कर = कर (टैक्स)
- कला – काला
- कला = कला, कारीगरी
- काला = रंग
- कूल – कुल
- कूल = तट
- कुल = वंश
- खग – खग
- खग = पक्षी
- खग = आकाश
- खान – खान
- खान = खदान
- खान = भोजन
- गति – गती
- गति = चाल, गतिशीलता
- गती = बीता हुआ
- गिरि – गिरी
- गिरि = पर्वत
- गिरी = बीज
- गुण – गुन
- गुण = विशेषता
- गुन = रस्सी
- चर – चर्
- चर = चरना (पशु द्वारा)
- चर् = चलना
- चल – चाल
- चल = चलना
- चाल = चाल, गति
- जल – जाल
- जल = पानी
- जाल = जाल (नेट)
- जात – जाट
- जात = प्रजाति
- जाट = जाति विशेष
- तन – तनु
- तन = शरीर
- तनु = पतला
- तरु – तारु
- तरु = वृक्ष
- तारु = तारा
- दिन – दीन
- दिन = दिन (समय)
- दीन = गरीब
- दृष्टि – दृष्ट
- दृष्टि = नजर
- दृष्ट = देखा हुआ
- नव – नौ
- नव = नया
- नौ = नंबर 9
- नित – नीति
- नित = प्रतिदिन
- नीति = नियम
- पर – पर्
- पर = दूसरा
- पर् = पंख
- पथ – पाठ
- पथ = रास्ता
- पाठ = पढ़ाई
- पति – पति
- पति = स्वामी
- पति = गिरना
- पद – पाद
- पद = स्थान
- पाद = पैर
- पुर – पूर
- पुर = नगर
- पूर = बाढ़
- बल – बलि
- बल = शक्ति
- बलि = बलिदान
- बात – वात
- बात = बातचीत
- वात = हवा
- बाण – बान
- बाण = तीर
- बान = बाढ़
- भट – भट्ट
- भट = भटकना
- भट्ट = विद्वान
- भव – भव्
- भव = संसार
- भव् = होना
- मति – मती
- मति = बुद्धि
- मती = मित्र
- मल – माल
- मल = गंदगी
- माल = सामान
- मरण – मरन
- मरण = मृत्यु
- मरन = मरना
- माला – माल
- माला = हार
- माल = धन
- मुख – मुखी
- मुख = चेहरा
- मुखी = प्रधान
- यश – यशस्
- यश = कीर्ति
- यशस् = यश का विस्तार
- रति – रती
- रति = प्रेम
- रती = कामदेव की पत्नी
- रस – रस्स
- रस = स्वाद
- रस्स = रस्सी
- राग – राग
- राग = संगीत
- राग = प्रेम
- लव – लव्
- लव = थोड़ा
- लव् = काटना
- वच – वच्
- वच = वचन
- वच् = बोलना
- वस – वास
- वस = रहना
- वास = स्थान
- शर – शार
- शर = तीर
- शार = बाघ
- शुल – शूल
- शुल = दर्द
- शूल = कांटा
- सखा – सखी
- सखा = पुरुष मित्र
- सखी = महिला मित्र
- सति – सती
- सति = पवित्र स्त्री
- सती = सती प्रथा
- सुर – सूर
- सुर = देवता
- सूर = सूर्य
- हल – हल्
- हल = हल (कृषि यंत्र)
- हल् = हल करना
- हंस – हंस्
- हंस = हंस (पक्षी)
- हंस् = हंसना
- हर – हर्
- हर = शिव
- हर् = लेना
- अंता – अंत
- अंता = अंतिम
- अंत = समाप्ति
- अदन – आदान
- अदन = खाना
- आदान = लेना
- अनु – अनू
- अनु = पीछे
- अनू = छोटा
- अभि – अभी
- अभि = की ओर
- अभी = अब
- आक – आक्
- आक = आकाश
- आक् = आकर्षित करना
- आसन – आसान
- आसन = बैठने की मुद्रा
- आसान = सरल
- उत – उट
- उत = उतरना
- उट = ऊँट
- कंठ – कण्ठ
- कंठ = गला
- कण्ठ = कंठस्थ
- कण – कन
- कण = टुकड़ा
- कन = कान
- कप – कप्
- कप = कपड़ा
- कप् = कांपना
- कल – काल
- कल = कलाकृति
- काल = समय
- कस – कस्
- कस = कसना
- कस् = कष्ट
- खट – खट्ट
- खट = खटखटाना
- खट्ट = खट्टा
- गण – गन
- गण = समूह
- गन = गाना
- चट – चट्
- चट = जल्दी
- चट् = चटना
- जट – जट्ट
- जट = जटा
- जट्ट = जाट
- जम – जाम
- जम = जमना
- जाम = शराब
- तट – तट्ट
- तट = किनारा
- तट्ट = मजबूत
- दल – दाल
- दल = समूह
- दाल = अनाज
- दम – दाम
- दम = शक्ति
- दाम = मूल्य
- नख – नख्
- नख = नाखून
- नख् = नष्ट करना
- नद – नद्
- नद = नदी
- नद् = नदना
- परि – परि
- परि = चारों ओर
- परि = परिणाम
- पल – पाल
- पल = क्षण
- पाल = रक्षा करना
- बन – बन्
- बन = जंगल
- बन् = बनना
- बस – बास
- बस = पर्याप्त
- बास = गंध
- भर – भ्र
- भर = भरा हुआ
- भ्र = भूल
- मणि – मनी
- मणि = रत्न
- मनी = मन
- मर – मर्
- मर = मरना
- मर् = मारना
- रथ – रथी
- रथ = रथ (वाहन)
- रथी = रथ चलाने वाला
- रस – रस्स
- रस = रस (स्वाद)
- रस्स = रस्सी
- लक्ष – लख
- लक्ष = उद्देश्य
- लख = देखना
- वरण – वरन
- वरण = चयन
- वरन = वर्ण
- वर – वर्
- वर = वरदान
- वर् = चुनना
- वसु – वासु
- वसु = धन
- वासु = निवास
- शम – शम्
- शम = शांति
- शम् = शमना
- शक – शक्
- शक = संदेह
- शक् = शक्ति
- सन – सन्
- सन = सन का रेशा
- सन् = वर्ष
- सह – सः
- सह = साथ
- सः = वह
- सार – सार्
- सार = सारांश
- सार् = सारथी
- हठ – हठ्
- हठ = जिद
- हठ् = हटाना
- हन – हन
- हन = मारना
- हन = हनन
Part 2
- अंक – अङ्क
- अंक = संख्या
- अङ्क = गोद
- अंतस् – अन्तः
- अंतस् = भीतर
- अन्तः = समाप्ति
- अद्भुत – अद्भुत्
- अद्भुत = आश्चर्यजनक
- अद्भुत् = चमत्कार
- अनघ – अनघट
- अनघ = पापरहित
- अनघट = अप्रत्याशित
- अनुज – अनुजा
- अनुज = छोटा भाई
- अनुजा = छोटी बहन
- अप – अप्
- अप = अपमान
- अप् = जल
- अभ्र – अभ्रा
- अभ्र = बादल
- अभ्रा = अभ्रक (माइका)
- अमर – अमर्
- अमर = अविनाशी
- अमर् = अमर करना
- अल – अल्
- अल = रंग
- अल् = अलंकृत करना
- आकुल – आकूल
- आकुल = व्याकुल
- आकूल = भरा हुआ
- आदर – आद्र
- आदर = सम्मान
- आद्र = गीला
- आप – आप्
- आप = स्वयं
- आप् = आपत्ति
- इति – इती
- इति = समाप्ति
- इती = इस प्रकार
- उक – उक्
- उक = ऊपर
- उक् = उकसाना
- उद – उद्
- उद = जल
- उद् = उदय
- कण्टक – कंटक
- कण्टक = कांटा
- कंटक = शत्रु
- कपि – कपि
- कपि = बंदर
- कपि = कपट
- कमल – कमाल
- कमल = फूल
- कमाल = चमत्कार
- करन – कारण
- करन =mediatheque System: करन = करने वाला
- कारण = वजह
- कर्म – कर्ण
- कर्म = कार्य
- कर्ण = कान
- कलि – कली
- कलि = युग
- कली = फूल की कली
- कवि – कवी
- कवि = कवि
- कवी = कविता
- काम – काम्
- काम = इच्छा
- काम् = कार्य करना
- किरण – किरण
- किरण = रश्मि
- किरन = छोटा सिक्का
- कुंज – कुंज्ज
- कुंज = बगीचा
- कुंज्ज = चाबी
- कृत – कृत्
- कृत = किया हुआ
- कृत् = कृतज्ञ
- क्षति – क्षति
- क्षति = हानि
- क्षति = क्षतिग्रस्त
- खल – खल्
- खल = दुष्ट
- खल् = खलनायक
- गंगा – गङ्गा
- गंगा = नदी
- गङ्गा = पवित्र जल
- गठ – गठ्
- गठ = बनाना
- गठ् = गठरी
- चक्र – चक्
- चक्र = पहिया
- चक् = चक्कर
- चरम – चर्म
- चरम = अंतिम
- चर्म = चमड़ा
- चित – चित्त
- चित = मन
- चित्त = ध्यान
- जग – जग्
- जग = विश्व
- जग् = जागना
- जलद – जलद्
- जलद = बादल
- जलद् = जल्दी
- जरा – जर्रा
- जरा = थोड़ा
- जर्रा = कण
- तार – तार्
- तार = तार (धागा)
- तार् = तारण करना
- तुल – तूल
- तुल = तुलना
- तूल = लंबाई
- दमक – दमक्
- दमक = चमक
- दमक् = दमकना
- दशन – दशान
- दशन = दांत
- दशान = दशम
- दूर – दूर्
- दूर = दूरी
- दूर् = दूर करना
- दृष्ट – दृष्टि
- दृष्ट = देखा हुआ
- दृष्टि = दृष्टिकोण
- नवीन – नविन
- नवीन = नया
- नविन = नाविक
- नाश – नाश्
- नाश = विनाश
- नाश् = नष्ट करना
- निकट – निकट्
- निकट = पास
- निकट् = निकटता
- नित्य – नित्य
- नित्य = हमेशा
- नित्य = नियमित
- पक – पक्
- पक = पकड़ना
- पक् = पकाना
- पट – पट्ट
- पट = कपड़ा
- पट्ट = तख्ती
- पदक – पदक्
- पदक = मेडल
- पदक् = कदम
- पलक – पलक्
- पलक = पलकें
- पलक् = क्षण
- पवन – पवन्
- पवन = हवा
- पवन् = पवित्र
- पशु – पशु
- पशु = जानवर
- पशु = पशुपालक
- पाट – पाठ
- पाट = चौड़ा करना
- पाठ = पढ़ाई
- पुण्य – पुण्य
- पुण्य = पुण्य कार्य
- पुण्य = पुण्य भूमि
- पुराण – पुरान
- पुराण = प्राचीन ग्रंथ
- पुरान = पुराना
- पुष्प – पुष्प्
- पुष्प = फूल
- पुष्प् = पुष्पित
- प्रिय – प्रिया
- प्रिय = प्रिय व्यक्ति
- प्रिया = प्रिय स्त्री
- फल – फल्
- फल = फल (खाने का)
- फल् = परिणाम
- बक – बक्
- बक = बगुला
- बक् = बोलना
- बद – बद्
- बद = बुरा
- बद् = बदला
- बलक – बलक्
- बलक = बच्चा
- बलक् = बल देना
- बाध – बाध्
- बाध = रुकावट
- बाध् = बाधित करना
- बुध – बुद्ध
- बुध = ग्रह
- बुद्ध = बुद्धिमान
- भक्ति – भक्ती
- भक्ति = भक्ति भाव
- भक्ती = भक्त स्त्री
- भद्र – भद्र
- भद्र = शिष्ट
- भद्र = भद्रकाली
- भय – भय्
- भय = डर
- भय् = भयभीत करना
- मति – मत्
- मति = बुद्धि
- मत् = मत देना
- मद – मद्
- मद = नशा
- मद् = मदद
- मधु – मधु
- मधु = शहद
- मधु = मधुर
- मुख्य – मुख्या
- मुख्य = प्रधान
- मुख्या = मुख्य स्त्री
- मूल – मूल्
- मूल = जड़
- मूल् = मूल्य
- यति – यति
- यति = सन्यासी
- यति = यथास्थिति
- यम – यम
- यम = यमराज
- यम = नियम
- रज – रज्
- रज = धूल
- रज् = रजस्वला
- रक – रक्
- रक = रक्त
- रक् = रक्षा करना
- रट – रट्ट
- रट = रटना
- रट्ट = मजबूत
- रन – रण
- रन = दौड़
- रण = युद्ध
- रम – रम्
- रम = रमना
- रम् = रमणीय
- लक – लक्
- लक = लक्ष्य
- लक् = लकड़ी
- लघु – लघु
- लघु = छोटा
- लघु = हल्का
- वज्र – वज्र्
- वज्र = बिजली
- वज्र् = कठोर
- वट – वट्
- वट = बरगद
- वट् = वटवृक्ष
- वद – वद्
- वद = बोलना
- वद् = वाद
- वरुण – वरुण्
- वरुण = जल देवता
- वरुण् = वरुण वृक्ष
- वसन – वसन्
- वसन = वस्त्र
- वसन् = निवास
- वहन – वहन
- वहन = ढोना
- वहन = वहन करना
- विक – विक्
- विक = विकार
- विक् = बिक्री
- विश – विश्
- विश = विष
- विश् = विशिष्ट
- शक्ति – शक्ती
- शक्ति = शक्ति
- शक्ती = शक्ति देवी
- शकुन – शकुन्
- शकुन = शुभ संकेत
- शकुन् = पक्षी
- शत – शत्
- शत = सौ
- शत् = टुकड़ा
- **शप – शप् **`
- शप = शाप
- शप् = शपथ
- शय – शय्
- शय = बिस्तर
- शय् = लेटना
- शिखर – शिखर्
- शिखर = चोटी
- शिखर् = शिखर पर
- शुक्ल – शुक्ल
- शुक्ल = सफेद
- शुक्ल = शुक्ल पक्ष
- संग – संग्
- संग = साथ
- संग् = पत्थर
- सच – सच्
- सच = सत्य
- सच् = सचेत
- सन – सन
- सन = सन का रेशा
- सन = वर्ष
- सुर – सुर्
- सुर = स्वर
- सुर् = देवता
- हित – हित्
- हित = भलाई
- हित् = हितकारी
- हिंदी अपठित गद्यांश टिप्स एवं प्रैक्टिस सेट
- हिंदी व्याकरण : लिंग (Gender) नोट्स एवं प्रैक्टिस सेट
- हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ व प्रैक्टस सेट
- युग्म शब्द (श्रुतिसमभिन्नार्थक) नोट्स एवं प्रैक्टिस सेट
- सानान्य हिन्दी – अनेक शब्दों के लिये एक शब्द नोट्स व प्रैक्टिस सेट
- हिंदी पर्यायवाची शब्द व प्रैक्टिस प्रश्न सेट
- सामान्य हिन्दीः सन्धि नोट्स एवं प्रैक्टिस सेट
- कारक (Case) Karak सामान्य हिंदी अध्याय 9
- विशेषण-Vishehan (Adjective) सामान्य हिन्दी अध्याय-8
- सर्वनाम (pronoun) सामान्य हिन्दी अध्याय -7