मुहावरे और लोकोक्तियाँ: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता की कुंजी!
क्या आप किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं? अगर हाँ, तो आपने ‘मुहावरे और लोकोक्तियाँ’ वाले अनुभाग को ज़रूर देखा होगा। हिंदी भाषा के इस महत्त्वपूर्ण हिस्से से अक्सर प्रश्न पूछे जाते हैं, और इन्हें समझना आपकी सफलता के लिए बेहद ज़रूरी है। ये सिर्फ़ व्याकरण का एक हिस्सा नहीं, बल्कि भाषा की आत्मा हैं जो उसे सजीव और प्रभावशाली बनाती हैं।
मुहावरे और लोकोक्तियाँ: क्या हैं ये?
सरल शब्दों में कहें तो:
मुहावरे (Idioms): ये ऐसे वाक्यांश होते हैं जिनका शाब्दिक अर्थ कुछ और होता है, लेकिन उनका प्रयोग किसी विशेष अर्थ में किया जाता है। जैसे, “अंगूठा दिखाना” का अर्थ “अंगूठा दिखाना” नहीं, बल्कि “साफ़ मना कर देना” होता है। मुहावरे वाक्य का अंश होते हैं।
लोकोक्तियाँ (Proverbs): ये अपने आप में पूर्ण वाक्य होती हैं, जो किसी सत्य, अनुभव या लोक परंपरा पर आधारित होती हैं। इन्हें कहावतें भी कहते हैं। जैसे, “नाच न जाने आँगन टेढ़ा” – इसका अर्थ है कि व्यक्ति को काम न आने पर बहाना बनाना। लोकोक्तियाँ समाज में प्रचलित बातें होती हैं।
प्रतियोगी परीक्षाओं में इनका महत्व
आप सोच रहे होंगे कि सिर्फ़ मुहावरे और लोकोक्तियाँ क्यों इतनी महत्वपूर्ण हैं? यहाँ कुछ कारण दिए गए हैं:
सीधे प्रश्न: कई परीक्षाओं में सीधे तौर पर मुहावरों और लोकोक्तियों के अर्थ पूछे जाते हैं, या उन्हें वाक्य में प्रयोग करने को कहा जाता है।
भाषा की समझ: इन्हें समझने का मतलब है हिंदी भाषा की गहरी पकड़ होना। यह आपकी व्याकरणिक और शाब्दिक क्षमता को दर्शाता है।
अभिव्यक्ति की कुशलता: इन्हें सही जगह पर प्रयोग करने से आपकी लेखन और मौखिक अभिव्यक्ति प्रभावशाली बनती है, जो वर्णनात्मक (descriptive) परीक्षाओं में बेहद काम आती है।
सामान्य ज्ञान: कई लोकोक्तियाँ सामाजिक, सांस्कृतिक या ऐतिहासिक संदर्भों से जुड़ी होती हैं, जिससे आपका सामान्य ज्ञान भी परखा जाता है।
कैसे करें तैयारी?
मुहावरे और लोकोक्तियों की तैयारी के लिए कुछ प्रभावी तरीके यहाँ दिए गए हैं:
नियमित अभ्यास: हर दिन कम से कम 10-15 मुहावरे और लोकोक्तियाँ उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग के साथ पढ़ें।
संदर्भ को समझें: केवल अर्थ रटने के बजाय, यह समझने की कोशिश करें कि किस स्थिति या संदर्भ में उनका प्रयोग किया जाता है।
वाक्य प्रयोग: अर्थ याद रखने के लिए उन्हें अपने वाक्यों में प्रयोग करें। इससे आपकी समझ और मज़बूत होगी।
पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र: प्रतियोगी परीक्षाओं के पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करें। इससे आपको सबसे ज़्यादा पूछे जाने वाले मुहावरों और लोकोक्तियों की पहचान करने में मदद मिलेगी।
फिर भी, मैं आपको कुछ महत्त्वपूर्ण मुहावरे और लोकोक्तियाँ उनके अर्थ के साथ दे रहा हूँ जो अक्सर परीक्षाओं में आते हैं। आप इनकी मदद से अपनी तैयारी शुरू कर सकते हैं:
महत्त्वपूर्ण मुहावरे और लोकोक्तियाँ
अंग-अंग ढीला होना: बहुत थक जाना।
उदाहरण: आज दिन भर काम करके मेरा अंग-अंग ढीला हो गया है।
अंगारे उगलना: क्रोध में कठोर शब्द कहना।
उदाहरण: नेताजी भ्रष्टाचार के खिलाफ अंगारे उगल रहे थे।
अंधे की लाठी: एकमात्र सहारा।
उदाहरण: श्रवण कुमार अपने माता-पिता के लिए अंधे की लाठी थे।
अक्ल का दुश्मन: मूर्ख।
उदाहरण: वह तो पूरा अक्ल का दुश्मन है, उसे कुछ समझ नहीं आता।
अपना उल्लू सीधा करना: स्वार्थ सिद्ध करना।
उदाहरण: आजकल लोग अपना उल्लू सीधा करने में लगे रहते हैं।
आँखों का तारा: बहुत प्यारा।
उदाहरण: हर बच्चा अपनी माँ की आँखों का तारा होता है।
आँखों में धूल झोंकना: धोखा देना।
उदाहरण: चोर पुलिस की आँखों में धूल झोंक कर भाग गया।
आसमान टूट पड़ना: भारी मुसीबत आना।
उदाहरण: उसके पिता के निधन से उस पर आसमान टूट पड़ा।
ईंट से ईंट बजाना: पूरी तरह नष्ट कर देना।
उदाहरण: भारतीय सेना ने दुश्मनों की ईंट से ईंट बजा दी।
उल्टी गंगा बहाना: प्रतिकूल कार्य करना।
उदाहरण: राम से यह उम्मीद नहीं थी कि वह अपने बड़ों के सामने उल्टी गंगा बहाएगा।
ऊँट के मुँह में जीरा: बहुत कम वस्तु।
उदाहरण: इतनी बड़ी कंपनी के लिए 1000 रुपये का मुनाफा ऊँट के मुँह में जीरा है।
एक और एक ग्यारह होना: संगठन में शक्ति होना।
उदाहरण: हमें एकजुट होकर काम करना चाहिए, क्योंकि एक और एक ग्यारह होते हैं।
कंगाली में आटा गीला: मुसीबत पर और मुसीबत आना।
उदाहरण: पहले ही नौकरी छूटी थी, अब बीमारी ने घेर लिया, यह तो कंगाली में आटा गीला होने वाली बात हो गई।
कान भरना: चुगली करना।
उदाहरण: कुछ लोग हमेशा दूसरों के खिलाफ कान भरते रहते हैं।
कान पर जूँ न रेंगना: कोई असर न होना।
उदाहरण: मैंने उसे बहुत समझाया पर उसके कान पर जूँ तक न रेंगी।
कलेजा ठंडा होना: शांति मिलना।
उदाहरण: बदला लेकर उसका कलेजा ठंडा हुआ।
खिचड़ी पकाना: कोई गुप्त योजना बनाना।
उदाहरण: वे दोनों मिलकर कोई खिचड़ी पका रहे हैं।
खून पसीना एक करना: बहुत कठिन परिश्रम करना।
उदाहरण: किसान अपना खून पसीना एक करके फसल उगाता है।
गड़े मुर्दे उखाड़ना: पुरानी बातें दोहराना।
उदाहरण: अब गड़े मुर्दे उखाड़ने से क्या फायदा?
गागर में सागर भरना: थोड़े शब्दों में बहुत कुछ कह देना।
उदाहरण: बिहारी ने अपने दोहों में गागर में सागर भर दिया है।
गिरगिट की तरह रंग बदलना: अवसर के अनुसार विचार बदलना।
उदाहरण: वह तो गिरगिट की तरह रंग बदलता है, उस पर भरोसा मत करो।
घी के दिए जलाना: खुशी मनाना।
उदाहरण: बेटे के विदेश से लौटने पर माँ ने घी के दिए जलाए।
चार चाँद लगाना: शोभा बढ़ाना।
उदाहरण: तुम्हारी उपस्थिति ने इस समारोह में चार चाँद लगा दिए।
छठी का दूध याद आना: बहुत कठिनाई का अनुभव होना।
उदाहरण: पहाड़ों पर चढ़ते हुए मुझे छठी का दूध याद आ गया।
जले पर नमक छिड़कना: दुखी व्यक्ति को और दुखी करना।
उदाहरण: उसकी नौकरी छूट गई थी और तुमने उसे ताना मारकर जले पर नमक छिड़क दिया।
टेढ़ी खीर: बहुत कठिन कार्य।
उदाहरण: यह काम पूरा करना तो टेढ़ी खीर है।
डूबते को तिनके का सहारा: विपत्ति में थोड़ी सहायता।
उदाहरण: नौकरी जाने के बाद एक छोटे से काम का मिलना डूबते को तिनके का सहारा था।
तीन तेरह होना: तितर-बितर होना।
उदाहरण: पुलिस को देखते ही चोर तीन तेरह हो गए।
दाँत खट्टे करना: हरा देना।
उदाहरण: भारतीय सेना ने युद्ध में दुश्मनों के दाँत खट्टे कर दिए।
दाँतों तले उँगली दबाना: चकित रह जाना।
उदाहरण: उसका अभिनय देखकर सबने दाँतों तले उँगली दबा ली।
दूध का दूध पानी का पानी: सही न्याय।
उदाहरण: पंचायत ने दूध का दूध पानी का पानी कर दिया।
नमक मिर्च लगाना: बात को बढ़ा-चढ़ा कर कहना।
उदाहरण: वह हमेशा बातों को नमक मिर्च लगाकर बताता है।
नाक में दम करना: बहुत परेशान करना।
उदाहरण: बच्चों ने आज मेरी नाक में दम कर दिया है।
नौ दो ग्यारह होना: भाग जाना।
उदाहरण: पुलिस को देखते ही चोर नौ दो ग्यारह हो गए।
पंचों की बात सिर माथे: बड़े-बुजुर्गों का निर्णय स्वीकार करना।
उदाहरण: हमने पंचों की बात सिर माथे मानी।
पाँव उखड़ना: हिम्मत हार जाना।
उदाहरण: युद्ध में दुश्मनों के पाँव उखड़ गए।
पीठ दिखाना: हार कर भाग जाना।
उदाहरण: भारतीय सैनिक कभी युद्ध में पीठ नहीं दिखाते।
पेट में चूहे कूदना: बहुत भूख लगना।
उदाहरण: सुबह से कुछ नहीं खाया, पेट में चूहे कूद रहे हैं।
फूँक-फूँक कर कदम रखना: बहुत सावधानी से काम करना।
उदाहरण: नए व्यापार में हमेशा फूँक-फूँक कर कदम रखने चाहिए।
बगुला भगत: कपटी।
उदाहरण: वह तो पूरा बगुला भगत है, उस पर विश्वास मत करो।
बाल-बाल बचना: कठिनाई से बचना।
उदाहरण: दुर्घटना में वह बाल-बाल बच गया।
भीगी बिल्ली बनना: डर जाना।
उदाहरण: मालिक को देखते ही नौकर भीगी बिल्ली बन गया।
मुँह की खाना: हार जाना।
उदाहरण: विपक्षी टीम को आज मुँह की खानी पड़ी।
रंग में भंग पड़ना: खुशी में बाधा आना।
उदाहरण: अचानक बारिश से पिकनिक के रंग में भंग पड़ गया।
लोहे के चने चबाना: बहुत कठिन काम करना।
उदाहरण: सरकारी नौकरी पाना लोहे के चने चबाने जैसा है।
श्री गणेश करना: शुरू करना।
उदाहरण: आज हमने अपने नए प्रोजेक्ट का श्री गणेश किया।
हाथ पाँव फूलना: घबरा जाना।
उदाहरण: शेर को सामने देखकर मेरे हाथ पाँव फूल गए।
हवा से बातें करना: बहुत तेज़ दौड़ना।
उदाहरण: महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक हवा से बातें करता था।
हवा हो जाना: गायब हो जाना।
उदाहरण: देखते ही देखते चोर हवा हो गया।
अधजल गगरी छलकत जाए: ओछा आदमी अधिक इतराता है।
उदाहरण: थोड़ा सा ज्ञान प्राप्त करके वह ऐसे बोलता है जैसे सब कुछ जानता हो, सच है अधजल गगरी छलकत जाए।
अंगूठा दिखाना: देने से साफ मना कर देना।
उदाहरण: जब मैंने उससे मदद मांगी, तो उसने अंगूठा दिखा दिया।
अंगूठा चूमना: खुशामद करना या चापलूसी करना।
उदाहरण: वह हमेशा अपने बॉस का अंगूठा चूमता रहता है ताकि प्रमोशन मिल जाए।
अक्ल पर पत्थर पड़ना: बुद्धि भ्रष्ट हो जाना।
उदाहरण: तुम्हारी अक्ल पर पत्थर पड़ गए हैं क्या, जो ऐसा काम कर रहे हो?
आग बबूला होना: बहुत क्रोधित होना।
उदाहरण: मेरी बात सुनकर वह आग बबूला हो गया।
आस्तीन का साँप: कपटी मित्र।
उदाहरण: उसने मुझे धोखा दिया, वह तो आस्तीन का साँप निकला।
आसमान सिर पर उठाना: बहुत शोर मचाना।
उदाहरण: बच्चों ने खेलने के लिए आसमान सिर पर उठा लिया।
इधर-उधर की हाँकना: व्यर्थ की बातें करना।
उदाहरण: काम की बात करो, इधर-उधर की मत हाँको।
उँगली पर नचाना: अपने वश में कर लेना।
उदाहरण: आजकल की पत्नियाँ पतियों को उँगली पर नचाती हैं।
उन्नीस-बीस का फर्क: बहुत कम अंतर।
उदाहरण: इन दोनों फोन में उन्नीस-बीस का ही फर्क है।
एक आँख से देखना: सबको समान समझना।
उदाहरण: एक अच्छा शिक्षक सभी छात्रों को एक आँख से देखता है।
एक लाठी से हाँकना: सबको एक जैसा समझना (सही-गलत का भेद न करना)।
उदाहरण: सभी को एक लाठी से हाँकना सही नहीं है।
कच्चा चिट्ठा खोलना: भेद खोलना।
उदाहरण: उसने भरी सभा में उसका सारा कच्चा चिट्ठा खोल दिया।
कलेजे पर साँप लोटना: ईर्ष्या से जलना।
उदाहरण: मेरी तरक्की देखकर उसके कलेजे पर साँप लोटने लगे।
कागजी घोड़े दौड़ाना: केवल लिखा-पढ़ी करना, काम न करना।
उदाहरण: सरकारी दफ्तरों में बस कागजी घोड़े दौड़ाए जाते हैं।
काला अक्षर भैंस बराबर: अनपढ़ होना।
उदाहरण: उसके लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर है।
कोल्हू का बैल: लगातार काम करने वाला।
उदाहरण: वह बेचारा तो दिन-रात कोल्हू का बैल बना रहता है।
गुलर का फूल होना: दुर्लभ वस्तु।
उदाहरण: तुम तो आजकल गूलर का फूल हो गए हो, दिखाई ही नहीं देते।
घर का भेदी लंका ढाए: आपस की फूट से हानि होती है।
उदाहरण: रावण का अंत इसलिए हुआ क्योंकि घर का भेदी विभीषण था, सच है घर का भेदी लंका ढाए।
घी खिचड़ी होना: खूब घुलना-मिलना।
उदाहरण: वे दोनों तो आपस में घी खिचड़ी हो गए हैं।
चाँदी का जूता मारना: रिश्वत देना।
उदाहरण: सरकारी काम करवाने के लिए उसे चाँदी का जूता मारना पड़ता है।
चोर की दाढ़ी में तिनका: अपराधी का स्वयं डरना या संदेह में होना।
उदाहरण: पुलिस ने आते ही पूछा, तो चोर की दाढ़ी में तिनका निकला।
छक्के छुड़ाना: बुरी तरह हराना।
उदाहरण: भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के छक्के छुड़ा दिए।
जमीन आसमान एक करना: बहुत अधिक परिश्रम करना।
उदाहरण: उसने परीक्षा में सफल होने के लिए जमीन आसमान एक कर दिया।
जी का जंजाल: मुसीबत।
उदाहरण: यह पुरानी गाड़ी अब मेरे जी का जंजाल बन गई है।
टका सा जवाब देना: साफ मना कर देना।
उदाहरण: मैंने मदद मांगी तो उसने टका सा जवाब दे दिया।
ढाक के तीन पात: हमेशा एक जैसा रहना (कोई परिवर्तन न होना)।
उदाहरण: तुम कितना भी समझा लो, उसके लिए तो ढाक के तीन पात ही रहते हैं।
तारे गिनना: नींद न आना, बेचैन रहना।
उदाहरण: रात भर मैं तारे गिनता रहा।
थाली का बैंगन: जिसका कोई सिद्धांत न हो, अवसरवादी।
उदाहरण: वह तो थाली का बैंगन है, जहाँ फायदा देखता है, वहीं चला जाता है।
दाल में कुछ काला होना: कुछ गड़बड़ होना।
उदाहरण: तुम्हारी बातों से लग रहा है कि दाल में कुछ काला है।
दाँत पीसना: क्रोध प्रकट करना।
उदाहरण: मेरी गलती पर वह दाँत पीसने लगा।
दीवारों के कान होना: गोपनीय बात का फैलने का डर।
उदाहरण: धीरे बोलो, दीवारों के भी कान होते हैं।
धोबी का कुत्ता, न घर का न घाट का: कहीं का न रहना।
उदाहरण: नौकरी छोड़ने के बाद वह धोबी का कुत्ता बन गया, न इधर का रहा न उधर का।
न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी: शर्त पूरी न होने पर काम न होना।
उदाहरण: तुम ऐसी शर्त रख रहे हो कि न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी।
नाकों चने चबाना: बहुत परेशान करना।
उदाहरण: अंग्रेज़ों को भारत से भगाने के लिए क्रांतिकारियों ने नाकों चने चबाए।
पगड़ी उछालना: अपमान करना।
उदाहरण: उसने भरी सभा में मेरी पगड़ी उछाल दी।
पानी-पानी होना: बहुत शर्मिंदा होना।
उदाहरण: चोरी पकड़ी जाने पर वह पानी-पानी हो गया।
पीठ ठोकना: शाबाशी देना।
उदाहरण: शिक्षक ने अच्छा काम करने पर छात्र की पीठ ठोकी।
फूटी आँख न सुहाना: बिल्कुल पसंद न आना।
उदाहरण: वह मुझे फूटी आँख नहीं सुहाता।
बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद: अज्ञानी व्यक्ति गुणवान वस्तु का महत्व नहीं जानता।
उदाहरण: उसे कला का क्या पता, बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद।
बाँसों उछलना: बहुत प्रसन्न होना।
उदाहरण: नौकरी मिलने की खबर सुनकर वह बाँसों उछलने लगा।
भीगी बिल्ली बनना: डर जाना।
उदाहरण: पुलिस को देखते ही चोर भीगी बिल्ली बन गए।
मिट्टी पलीद करना: बर्बाद करना, इज्जत खराब करना।
उदाहरण: तुमने तो मेरा नाम मिट्टी में मिला दिया।
मुँह में पानी भर आना: ललचा जाना।
उदाहरण: गरमागरम जलेबी देखकर मेरे मुँह में पानी भर आया।
रंग जमाना: प्रभाव डालना।
उदाहरण: उसने अपने भाषण से सभा में खूब रंग जमाया।
राई का पहाड़ बनाना: छोटी सी बात को बहुत बढ़ा देना।
उदाहरण: तुम तो हमेशा राई का पहाड़ बना देते हो।
लोहा लेना: मुकाबला करना।
उदाहरण: शेर से लोहा लेना आसान नहीं।
श्री गणेश करना: कार्य प्रारंभ करना।
उदाहरण: आज हम अपने नए व्यापार का श्री गणेश करेंगे।
सिर पर पाँव रखकर भागना: बहुत तेज़ी से भागना।
उदाहरण: चोर पुलिस को देखकर सिर पर पाँव रखकर भाग गया।
सोने पर सुहागा: अच्छी चीज़ का और बेहतर हो जाना।
उदाहरण: उसकी खूबसूरती पर यह साड़ी सोने पर सुहागा का काम कर रही है।
हाथ पीले करना: शादी करना। * उदाहरण: माता-पिता अपनी बेटी के हाथ पीले करने की चिंता में रहते हैं।
आग में घी डालना: झगड़े को और बढ़ाना। * उदाहरण: तुम दोनों की लड़ाई में उसकी बातें आग में घी डालने का काम करती हैं।
आटे दाल का भाव मालूम होना: कठिनाई का अनुभव होना या वास्तविकता का पता चलना। * उदाहरण: जब अकेले घर चलाना पड़ा, तब उसे आटे दाल का भाव मालूम हुआ।
आँखों में खून उतरना: बहुत क्रोधित होना। * उदाहरण: उसकी बातें सुनकर मेरी आँखों में खून उतर आया।
आसमान से गिरा खजूर में अटका: एक मुसीबत से निकलकर दूसरी मुसीबत में फँसना। * उदाहरण: नई नौकरी मिलने की खुशी क्या मनाता, अब तो आसमान से गिरा खजूर में अटका वाली हालत हो गई है।
इधर की उधर लगाना: चुगली करना। * उदाहरण: उसका काम ही इधर की उधर लगाना है।
उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे: अपराधी का निर्दोष पर दोष लगाना। * उदाहरण: गलती खुद की थी और मुझे ही डाँट रहा है, ये तो उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे वाली बात है।
ऊँची दुकान फीका पकवान: केवल दिखावा होना, गुणवत्ता न होना। * उदाहरण: उस दुकान का नाम बहुत सुना था, पर ऊँची दुकान फीका पकवान निकली।
एक पंथ दो काज: एक साथ दो काम करना। * उदाहरण: कॉलेज जाते हुए मैं कुछ सामान भी ले आऊँगा, इससे एक पंथ दो काज हो जाएँगे।
कलेजा मुँह को आना: बहुत घबराना। * उदाहरण: अचानक शेर को सामने देखकर मेरा कलेजा मुँह को आ गया।
कलेजे पर पत्थर रखना: दुख सहने के लिए मन कड़ा करना। * उदाहरण: बेटे की मौत पर उसने कलेजे पर पत्थर रखकर खुद को संभाला।
कांटा बिछाना: बाधा डालना। * उदाहरण: उसने मेरे रास्ते में हमेशा कांटे बिछाए।
किताब का कीड़ा: बहुत पढ़ने वाला, किताबी ज्ञान वाला। * उदाहरण: वह तो दिन-रात किताब का कीड़ा बना रहता है।
कुएँ में बाँस डालना: बहुत खोजबीन करना। * उदाहरण: उस चोरी का पता लगाने के लिए पुलिस ने कुएँ में बाँस डाले हैं।
कोठरी में बैठकर रोना: गुप्त रूप से दुखी होना। * उदाहरण: अपनी हार पर वह कोठरी में बैठकर रो रहा था।
खटाई में पड़ना: काम रुक जाना या विलंब होना। * उदाहरण: सरकारी अनुमति न मिलने से प्रोजेक्ट खटाई में पड़ गया है।
खाल खींचना: बहुत मारना। * उदाहरण: अगर तुमने फिर ऐसी गलती की तो मैं तुम्हारी खाल खींच लूँगा।
खून का घूँट पीकर रह जाना: क्रोध को दबा लेना। * उदाहरण: उसने मेरा अपमान किया, पर मैं खून का घूँट पीकर रह गया।
खुले आम: सबके सामने। * उदाहरण: उसने खुले आम मुझे चुनौती दी।
गरदन पर सवार होना: पीछे पड़ना। * उदाहरण: वह तो अपनी बात मनवाने के लिए गरदन पर सवार हो जाता है।
गर्दन उठाना: विरोध करना या प्रतिवाद करना। * उदाहरण: मज़दूरों ने मालिक के खिलाफ गरदन उठा ली।
गाँठ का पूरा: मालदार। * उदाहरण: वह तो बड़ा गाँठ का पूरा आदमी है।
गाँठ बाँधना: खूब याद रखना। * उदाहरण: मेरी यह बात गाँठ बाँध लो।
गले का हार होना: बहुत प्यारा होना। * उदाहरण: मेरा बेटा मेरे गले का हार है।
गले पड़ना: जबरदस्ती पीछे पड़ना। * उदाहरण: वह तो मेरे ही गले पड़ गया।
गुदड़ी का लाल: गरीब घर का गुणी व्यक्ति। * उदाहरण: वह गुदड़ी का लाल है, जिसने अपनी मेहनत से नाम कमाया।
चादर देखकर पाँव फैलाना: आय के अनुसार खर्च करना। * उदाहरण: हमें हमेशा चादर देखकर ही पाँव फैलाने चाहिए।
चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात: थोड़े समय का सुख। * उदाहरण: यह तुम्हारी अमीरी चार दिन की चाँदनी है।
चिकना घड़ा: जिस पर किसी बात का असर न हो। * उदाहरण: उसे कितना भी समझाओ, वह चिकना घड़ा है।
चूँ न करना: विरोध न करना, चुप रहना। * उदाहरण: मालिक की डाँट सुनकर वह चूँ न कर सका।
चुल्लू भर पानी में डूब मरना: अत्यंत लज्जित होना। * उदाहरण: ऐसी हरकत पर तो चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।
छक्के छूटना: हिम्मत पस्त होना। * उदाहरण: परीक्षा में कठिन प्रश्न देखकर मेरे छक्के छूट गए।
छप्पर फाड़कर देना: बिना मेहनत के बहुत मिलना। * उदाहरण: भगवान जब भी देते हैं, छप्पर फाड़कर देते हैं।
छाती पर साँप लोटना: ईर्ष्या से जलना। (कलेजे पर साँप लोटना के समान) * उदाहरण: उसकी सफलता देख मेरी छाती पर साँप लोट गए।
छाती पर मूँग दलना: बहुत परेशान करना, पास रहकर दुःख देना। * उदाहरण: तुम तो मेरी छाती पर मूँग दल रहे हो।
जहर उगलना: कड़वी बातें कहना। * उदाहरण: वह हमेशा दूसरों के लिए जहर उगलता रहता है।
जी तोड़ मेहनत करना: बहुत अधिक परिश्रम करना। * उदाहरण: उसने परीक्षा पास करने के लिए जी तोड़ मेहनत की।
झक मारना: व्यर्थ समय गँवाना। * उदाहरण: वहाँ जाकर झक मारने से अच्छा है, अपना काम करो।
झूठे मुँह से कहना: दिखावा करना। * उदाहरण: उसने बस झूठे मुँह से मुझे बधाई दी।
टाल-मटोल करना: बहाना बनाना, काम को टालना। * उदाहरण: तुम हमेशा काम को लेकर टाल-मटोल करते रहते हो।
टाँग अड़ाना: बाधा डालना। * उदाहरण: तुम हर काम में टाँग अड़ाते हो।
टेढ़ी उँगली से घी निकालना: सीधे तरीके से काम न होना, बलपूर्वक काम करवाना। * उदाहरण: यह आदमी सीधे नहीं मानेगा, इससे तो टेढ़ी उँगली से ही घी निकालना पड़ेगा।
ठगा सा रह जाना: चकित रह जाना, धोखा खा जाना। * उदाहरण: उसकी सच्चाई जानकर मैं ठगा सा रह गया।
डोरे डालना: फँसाने का प्रयास करना। * उदाहरण: वह उस लड़की पर डोरे डाल रहा है।
ढेर करना: मार डालना या पराजित करना। * उदाहरण: शिकारी ने एक ही गोली में शेर को ढेर कर दिया।
तलवार की धार पर चलना: बहुत कठिन और जोखिम भरा काम करना। * उदाहरण: यह व्यापार करना तो तलवार की धार पर चलने जैसा है।
तीस मार खाँ समझना: खुद को बहुत बहादुर समझना। * उदाहरण: वह खुद को तीस मार खाँ समझता है।
तूती बोलना: बहुत प्रभाव होना, धाक जमना। * उदाहरण: आजकल बाजार में उसकी ही तूती बोल रही है।
तेली का बैल: दिन-रात काम में लगे रहना। * उदाहरण: वह बेचारा तो तेली का बैल बना रहता है।
तोते की तरह आँखें फेरना: एकदम बदल जाना, संबंध तोड़ लेना। * उदाहरण: मतलब निकल जाने पर उसने तोते की तरह आँखें फेर लीं।
धज्जियाँ उड़ाना: बहुत बुराई करना, अपमान करना। * उदाहरण: उसने भरी सभा में उसकी धज्जियाँ उड़ा दीं।
नमक हलाल करना: वफादार होना, स्वामीभक्ति दिखाना। * उदाहरण: एक सच्चे सैनिक ने हमेशा अपने देश का नमक हलाल किया है।
नमक हराम करना: विश्वासघात करना, धोखा देना। * उदाहरण: उसने अपने दोस्त के साथ नमक हराम किया।
नाक कटना/कटवाना: इज्जत जाना/इज्जत गँवाना। * उदाहरण: उसकी हरकतों से पूरे परिवार की नाक कट गई।
नाकों चने चबाना: बहुत कष्ट उठाना या बहुत परेशान करना। * उदाहरण: स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों को नाकों चने चबवा दिए।
नीचा दिखाना: अपमानित करना। * उदाहरण: उसने भरी सभा में मुझे नीचा दिखाया।
पगड़ी बदलना: पक्का दोस्त बनना। * उदाहरण: उन दोनों ने पगड़ी बदलकर गहरी दोस्ती कर ली।
पट्टी पढ़ाना: बहकाना, गलत सलाह देना। * उदाहरण: किसी ने उसे मेरे खिलाफ पट्टी पढ़ा दी है।
पत्थर की लकीर: अमिट बात, अटल। * उदाहरण: उसकी बात पत्थर की लकीर है, वह कभी नहीं बदलता।
पाँचों उँगलियाँ घी में होना: खूब मौज करना, हर तरह से लाभ ही लाभ होना। * उदाहरण: उसकी तो आजकल पाँचों उँगलियाँ घी में हैं।
पानी फेर देना: बिगाड़ देना, बर्बाद कर देना। * उदाहरण: तुमने मेरी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया।
पीठ दिखाना: हार मानकर भाग जाना। * उदाहरण: वीर कभी युद्ध में पीठ नहीं दिखाते।
पेट काटना: बचत करना, कम खर्च करना। * उदाहरण: उसने अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए पेट काटा।
फूँक-फूँक कर कदम रखना: बहुत सावधानी से काम करना। * उदाहरण: नया व्यापार शुरू करते समय फूँक-फूँक कर कदम रखने चाहिए।
बगुला भगत: कपटी, पाखंडी। * उदाहरण: वह बाहर से साधु दिखता है, पर असल में बगुला भगत है।
बतीसी दिखाना: हँसना (उपहास करना)। * उदाहरण: मेरी गलती पर सब बतीसी दिखाने लगे।
बाएँ हाथ का खेल: बहुत आसान काम। * उदाहरण: यह काम तो मेरे बाएँ हाथ का खेल है।
बाल भी बांका न होना: जरा भी नुकसान न होना। * उदाहरण: इतनी बड़ी दुर्घटना में भी उसका बाल भी बांका न हुआ।
भीगी बिल्ली बनना: डर जाना, सहम जाना। * उदाहरण: मालिक को देखते ही नौकर भीगी बिल्ली बन गया।
भेड़ चाल चलना: बिना सोचे-समझे दूसरों का अनुसरण करना। * उदाहरण: लोग अक्सर भेड़ चाल चलते हैं।
मक्खी मारना: खाली बैठे रहना, कोई काम न करना। * उदाहरण: जब काम नहीं था, तो वह दिन भर मक्खी मारता रहा।
मन मैला करना: बुरा मानना, नाराज होना। * उदाहरण: मेरी बात से अपना मन मैला मत करो।
मिट्टी में मिलाना: नष्ट कर देना, बर्बाद कर देना। * उदाहरण: उसने अपनी बदनामी से परिवार का नाम मिट्टी में मिला दिया।
मुँह काला करना: कलंक लगाना, बदनाम करना। * उदाहरण: तुमने ऐसा काम करके अपना मुँह काला कर लिया।
मुँह तोड़ जवाब देना: करारा जवाब देना, मुहतोड़ जवाब देना। * उदाहरण: उसने अपने आलोचकों को मुँह तोड़ जवाब दिया।
मुट्ठी गर्म करना: रिश्वत देना। * उदाहरण: यह काम करवाने के लिए तुम्हें उसकी मुट्ठी गर्म करनी पड़ेगी।
मैदान मारना: जीत जाना, सफल होना। * उदाहरण: भारतीय टीम ने आज का मैच मैदान मार लिया।
रंग में भंग पड़ना: खुशी में बाधा आना। * उदाहरण: अचानक बारिश से शादी के रंग में भंग पड़ गया।
रातों-रात अमीर होना: बहुत जल्दी अमीर बन जाना। * उदाहरण: कुछ लोग रातों-रात अमीर बनने का सपना देखते हैं।
रुपए पेड़ पर नहीं उगते: पैसा कमाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है। * उदाहरण: तुम्हें अपनी फिजूलखर्ची कम करनी चाहिए, क्योंकि रुपए पेड़ पर नहीं उगते।
रोटी दाल कमाना: जीवनयापन के लिए धन कमाना। * उदाहरण: वह अपने परिवार के लिए रोटी दाल कमाता है।
लकीर का फकीर: पुरानी परिपाटी पर चलने वाला, रूढ़िवादी। * उदाहरण: वह तो लकीर का फकीर है, नई बात मानता ही नहीं।
लुटिया डुबोना: काम बिगाड़ देना, सब बर्बाद कर देना। * उदाहरण: उसने अपने गलत फैसलों से सारी लुटिया डुबो दी।
लोहा मानना: श्रेष्ठता स्वीकार करना। * उदाहरण: उसकी बहादुरी का सबने लोहा माना।
वचन देना: वादा करना। * उदाहरण: उसने मुझसे यह काम करने का वचन दिया है।
सिर पर कफन बाँधना: बलिदान के लिए तैयार रहना। * उदाहरण: वे जवान सिर पर कफन बाँधकर देश की रक्षा करते हैं।
सिर पर सवार होना: पीछे पड़ जाना, बहुत परेशान करना। * उदाहरण: वह अपनी बात मनवाने के लिए मेरे सिर पर सवार हो गया है।
हथेली पर सरसों जमाना: असंभव कार्य करना। * उदाहरण: तुम एक दिन में सब कुछ सीखना चाहते हो, क्या हथेली पर सरसों जमा रहे हो?
हवा लगाना: असर होना, प्रभावित होना। * उदाहरण: उसे बड़े शहर की हवा लग गई है।
हवा में किले बनाना: हवाई कल्पनाएँ करना, कोरी कल्पना करना। * उदाहरण: वह हमेशा हवा में किले बनाता रहता है।
हाथ खींचना: सहायता न करना, अलग हो जाना। * उदाहरण: मुसीबत में उसने अपने हाथ खींच लिए।
हाथ धोकर पीछे पड़ना: किसी काम को पूरा करने के लिए जी-जान से लगना। * उदाहरण: वह अपनी बात मनवाने के लिए हाथ धोकर पीछे पड़ गया है।
हाथ मलना: पछताना। * उदाहरण: अवसर निकल जाने पर वह हाथ मलता रह गया।
हाथ साफ करना: चोरी करना। * उदाहरण: चोर ने मौका पाकर उसके गहनों पर हाथ साफ कर दिया।
हड्डी पसली एक करना: बहुत मारना, बहुत परिश्रम करना। * उदाहरण: पहलवान ने विरोधी की हड्डी पसली एक कर दी।
हक्का-बक्का रह जाना: चकित रह जाना, भौचक्का रह जाना। * उदाहरण: अचानक उसे देखकर मैं हक्का-बक्का रह गया।
हवा से बातें करना: बहुत तेज दौड़ना। * उदाहरण: उसका घोड़ा हवा से बातें करता है।
हवाई किले बनाना: शेखचिल्ली बनना, केवल कल्पना करना। * उदाहरण: वह सिर्फ हवाई किले बनाता है, काम कुछ नहीं करता।
सिर आँखों पर बिठाना: बहुत सम्मान करना, आदर करना। * उदाहरण: मेहमानों को उसने सिर आँखों पर बिठाया।
सूखे घास पर पानी डालना: व्यर्थ प्रयास करना। * उदाहरण: उस झगड़ालू व्यक्ति को समझाना सूखे घास पर पानी डालने जैसा है।
स्वर्ग सिधारना: मर जाना। * उदाहरण: उसके दादाजी कल स्वर्ग सिधार गए।
अक्ल का पुतला: बहुत बुद्धिमान। * उदाहरण: वह तो अक्ल का पुतला है, हर समस्या का समाधान तुरंत निकाल लेता है।
अपना सा मुँह लेकर रह जाना: लज्जित होना या निराश होना। * उदाहरण: जब उसकी चोरी पकड़ी गई, तो वह अपना सा मुँह लेकर रह गया।
अक्ल के घोड़े दौड़ाना: बहुत सोचना-विचारना। * उदाहरण: इस मुश्किल सवाल को हल करने के लिए उसने अक्ल के घोड़े दौड़ाए।
आँखों में चर्बी छाना: घमंड से चूर होना। * उदाहरण: दौलत आने के बाद उसकी आँखों में चर्बी छा गई है।
आँखें बिछाना: प्रेम से स्वागत करना। * उदाहरण: मेहमानों के आने पर उन्होंने अपनी आँखें बिछा दीं।
आँखें फेर लेना: बदल जाना, संबंध तोड़ लेना। * उदाहरण: जब मैंने उससे मदद मांगी, तो उसने मुझसे आँखें फेर लीं।
आसमान पर चढ़ाना: बहुत तारीफ करना। * उदाहरण: बच्चों को इतना आसमान पर मत चढ़ाओ, बिगड़ जाएँगे।
आसमान से बातें करना: बहुत ऊँचा होना या बहुत तेज़ दौड़ना। * उदाहरण: उसकी नई इमारत आसमान से बातें करती है।
इंचों का फर्क पड़ना: बहुत थोड़ा अंतर होना। * उदाहरण: रेस में विजेता और उपविजेता के बीच इंचों का फर्क पड़ा।
उँगली उठाना: दोष लगाना, लांछन लगाना। * उदाहरण: उस पर कोई उँगली नहीं उठा सकता, वह ईमानदार है।
उड़ती चिड़िया पहचानना: रहस्य की बात जानना, दूर से ही भांप लेना। * उदाहरण: वह इतना अनुभवी है कि उड़ती चिड़िया पहचान लेता है।
उल्टे पाँव लौटना: तुरंत वापस लौटना। * उदाहरण: उसे वहाँ न पाकर मैं उल्टे पाँव लौट आया।
ऊँचा सुनना: कम सुनना (बहरा होना)। * उदाहरण: दादाजी आजकल ऊँचा सुनते हैं।
एक और एक ग्यारह होना: संगठन में शक्ति होना। * उदाहरण: हमें एकजुट होकर काम करना चाहिए, क्योंकि एक और एक ग्यारह होते हैं।
ओखली में सिर देना: जानबूझकर मुसीबत मोल लेना। * उदाहरण: उसने उस झगड़े में पड़कर ओखली में सिर दे दिया।
कंधा देना: सहारा देना, मदद करना। * उदाहरण: मुसीबत में दोस्तों ने उसे कंधा दिया।
कतरब्योंत करना: काट-छाँट करना, बचत करना। * उदाहरण: बढ़ती महंगाई में कतरब्योंत करना बहुत जरूरी है।
कंधे से कंधा मिलाना: मिलकर काम करना, सहयोग करना। * उदाहरण: हमें देश के विकास के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहिए।
कच्चा पड़ना: कमजोर पड़ना, पराजित होना। * उदाहरण: बहस में वह मेरे आगे कच्चा पड़ गया।
कमर कसना: तैयार होना। * उदाहरण: परीक्षा के लिए उसने कमर कस ली है।
कलेजे पर छुरी चलाना: बहुत दुख पहुँचाना। * उदाहरण: उसकी बातों ने मेरे कलेजे पर छुरी चला दी।
कलेजा थामकर रह जाना: सदमे से चुप हो जाना। * उदाहरण: बेटे की मौत की खबर सुनकर वह कलेजा थामकर रह गया।
कसौटी पर कसना: जाँच करना, परखना। * उदाहरण: उसकी ईमानदारी को कसौटी पर कसना अभी बाकी है।
काँटे बोना: बुराई करना, बाधा डालना। * उदाहरण: उसने हमेशा दूसरों के लिए काँटे बोए।
कान काटना: बढ़कर होना, श्रेष्ठ होना। * उदाहरण: वह तो अपने गुरु के भी कान काटता है।
कान खड़े होना: चौकन्ना होना, सतर्क होना। * उदाहरण: आहट सुनकर उसके कान खड़े हो गए।
कुआँ खोदना: हानि पहुँचाने का प्रयत्न करना। * उदाहरण: वह हमेशा दूसरों के लिए कुआँ खोदता रहता है।
खाल खींचना: बहुत मारना। * उदाहरण: अगर तुमने फिर ऐसी गलती की तो मैं तुम्हारी खाल खींच लूँगा।
खुले आम: सबके सामने। * उदाहरण: उसने खुले आम मुझे चुनौती दी।
खिल्ली उड़ाना: मज़ाक उड़ाना। * उदाहरण: मेरी गलती पर सब मेरी खिल्ली उड़ाने लगे।
खुशामदी टट्टू: चापलूस व्यक्ति। * उदाहरण: वह तो पूरा खुशामदी टट्टू है, बस बॉस की जी हुजूरी करता रहता है।
खून खोलना: बहुत गुस्सा आना। * उदाहरण: उसकी बातें सुनकर मेरा खून खौल गया।
गाँठ पड़ना: मनमुटाव होना। * उदाहरण: उन दोनों की दोस्ती में अब गाँठ पड़ गई है।
गाल बजाना: डींग हाँकना, बड़ी-बड़ी बातें करना। * उदाहरण: वह हमेशा गाल बजाता रहता है, काम कुछ नहीं करता।
गिरगिट की तरह रंग बदलना: अवसर के अनुसार अपना स्वभाव/विचार बदलना। * उदाहरण: वह तो गिरगिट की तरह रंग बदलता है, उस पर भरोसा मत करो।
गूंगे का गुड़: अवर्णनीय अनुभव, जिसे व्यक्त न किया जा सके। * उदाहरण: उस सुख का अनुभव तो गूंगे का गुड़ है।
गुदड़ी का लाल: गरीब घर का गुणी व्यक्ति। * उदाहरण: वह गुदड़ी का लाल है, जिसने अपनी मेहनत से नाम कमाया।
घोड़े बेचकर सोना: निश्चिंत होकर सोना। * उदाहरण: परीक्षा खत्म होने के बाद वह घोड़े बेचकर सोया।
चंपत होना: भाग जाना। * उदाहरण: चोर पुलिस को देखते ही चंपत हो गए।
चर्बी चढ़ना: घमंड होना। * उदाहरण: पैसे आने के बाद उसके शरीर में चर्बी चढ़ गई है।
चिकना घड़ा: जिस पर किसी बात का असर न हो। * उदाहरण: उसे कितना भी समझाओ, वह चिकना घड़ा है।
चिल्ल-पों मचाना: शोर करना। * उदाहरण: बच्चों ने खेलने के लिए खूब चिल्ल-पों मचाई।
चूड़ियाँ पहनना: कायरता दिखाना। * उदाहरण: वह लड़ने के बजाय चूड़ियाँ पहनकर बैठ गया।
छाती पीटना: शोक मनाना। * उदाहरण: अपने बेटे की मौत पर माँ छाती पीट रही थी।
जड़ जमाना: स्थायी होना, मजबूत होना। * उदाहरण: उसने इस शहर में अपना व्यापार अच्छी तरह से जड़ जमा लिया है।
जमीन आसमान एक करना: बहुत अधिक परिश्रम करना। * उदाहरण: उसने परीक्षा में सफल होने के लिए जमीन आसमान एक कर दिया।
जान में जान आना: शांति मिलना, राहत मिलना। * उदाहरण: खतरा टलने के बाद मेरी जान में जान आई।
जाल में फँसाना: धोखे से फँसाना। * उदाहरण: उसने भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फँसा लिया।
ज़िंदगी के दिन पूरे करना: जैसे-तैसे जीना। * उदाहरण: वह अपनी ज़िंदगी के दिन पूरे कर रहा है।
झंडे गाड़ना: सफलता प्राप्त करना। * उदाहरण: उसने खेल के मैदान में झंडे गाड़ दिए।
टट्टी की आड़ में शिकार खेलना: छिपकर वार करना, धोखे से काम करना। * उदाहरण: वह तो टट्टी की आड़ में शिकार खेलता है।
टाल-मटोल करना: बहाना बनाना, काम को टालना। * उदाहरण: तुम हमेशा काम को लेकर टाल-मटोल करते रहते हो।
ठीकरा फूटना: दोष किसी और के सिर मढ़ना। * उदाहरण: गलती उसकी थी, पर ठीकरा मेरे सिर फूट गया।
ठेंगा दिखाना: साफ मना कर देना। * उदाहरण: जब मैंने उससे मदद मांगी, तो उसने ठेंगा दिखा दिया।
डंका बजाना: यश फैलाना, प्रभाव जमाना। * उदाहरण: उसने अपनी ईमानदारी का डंका बजा दिया।
डंके की चोट पर कहना: खुलकर कहना, बिना डरे कहना। * उदाहरण: मैं यह बात डंके की चोट पर कहता हूँ।
डोरे डालना: आकर्षित करने का प्रयास करना। * उदाहरण: वह उस लड़की पर डोरे डाल रहा है।
ढेर करना: मार डालना या पराजित करना। * उदाहरण: शिकारी ने एक ही गोली में शेर को ढेर कर दिया।
तलवे चाटना: चापलूसी करना। * उदाहरण: वह हमेशा अपने बॉस के तलवे चाटता रहता है।
तोते उड़ाना: होश फाख्ता होना, घबरा जाना। * उदाहरण: पुलिस को देखकर उसके तोते उड़ गए।
थूक कर चाटना: कही बात से मुकरना। * उदाहरण: वह अपनी बात से थूक कर चाट गया।
दबे पाँव आना: बिना आहट किए आना। * उदाहरण: वह दबे पाँव कमरे में आया।
दाल में काला होना: कुछ गड़बड़ होना। * उदाहरण: तुम्हारी बातों से लग रहा है कि दाल में कुछ काला है।
दाँतों तले उँगली दबाना: चकित रह जाना। * उदाहरण: उसका अभिनय देखकर सबने दाँतों तले उँगली दबा ली।
दिन गँवाना: समय व्यर्थ करना। * उदाहरण: बेकार की बातों में दिन मत गँवाओ।
दूध के दाँत न टूटना: अनुभवहीन होना। * उदाहरण: वह अभी बच्चा है, उसके अभी दूध के दाँत भी नहीं टूटे।
दो कौड़ी का आदमी: तुच्छ व्यक्ति, महत्वहीन। * उदाहरण: वह दो कौड़ी का आदमी है, उसकी बातों पर ध्यान मत दो।
नब्ज पहचानना: मन की बात जानना, स्वभाव को जानना। * उदाहरण: डॉक्टर ने मरीज की नब्ज पहचान ली।
नाम डुबोना: बदनामी करना। * उदाहरण: तुमने ऐसा काम करके परिवार का नाम डुबो दिया।
नाक भौं सिकोड़ना: घृणा करना, नापसंद करना। * उदाहरण: उसने हर बात पर नाक भौं सिकोड़ना शुरू कर दिया।
पानी पानी होना: बहुत शर्मिंदा होना। * उदाहरण: चोरी पकड़ी जाने पर वह पानी पानी हो गया।
पापड़ बेलना: बहुत कष्ट उठाना, संघर्ष करना। * उदाहरण: नौकरी पाने के लिए उसे बहुत पापड़ बेलने पड़े।
फूँक-फूँक कर कदम रखना: बहुत सावधानी से काम करना। * उदाहरण: नए व्यापार में हमेशा फूँक-फूँक कर कदम रखने चाहिए।
फटेहाल होना: बहुत गरीब होना। * उदाहरण: गरीबी के कारण वह फटेहाल रहता है।
फूला न समाना: बहुत खुश होना। * उदाहरण: परीक्षा में सफल होकर वह फूला न समाया।
बगलें झाँकना: शर्मिंदा होना, बगलें झाँकना। * उदाहरण: जब उससे सवाल पूछा गया, तो वह बगलें झाँकने लगा।
बारे-न्यारे होना: खूब लाभ होना। * उदाहरण: लॉटरी लगते ही उसके बारे-न्यारे हो गए।
बाल की खाल निकालना: बहुत मीन-मेख निकालना, अधिक छानबीन करना। * उदाहरण: वह हमेशा बाल की खाल निकालता रहता है।
बाँधने डालना: बंधन में डालना, परेशान करना। * उदाहरण: उसने मुझे बातों में बाँधने डाल दिया।
बालू की भीत: क्षणभंगुर वस्तु। * उदाहरण: उसकी अमीरी बालू की भीत है।
बीड़ा उठाना: किसी कठिन कार्य का भार अपने ऊपर लेना। * उदाहरण: उसने गरीबों की मदद करने का बीड़ा उठाया है।
भेड़ चाल चलना: बिना सोचे-समझे दूसरों का अनुसरण करना। * उदाहरण: लोग अक्सर भेड़ चाल चलते हैं।
भैंस के आगे बीन बजाना: मूर्ख के सामने ज्ञान की बात करना। * उदाहरण: उसे समझाना भैंस के आगे बीन बजाना है।
मक्खन लगाना: चापलूसी करना। * उदाहरण: वह अपना काम निकलवाने के लिए मक्खन लगाता है।
मन मैला करना: बुरा मानना, नाराज होना। * उदाहरण: मेरी बात से अपना मन मैला मत करो।
माथा ठनकना: संदेह होना, शक होना। * उदाहरण: उसकी बातें सुनकर मेरा माथा ठनक गया।
मिट्टी पलीद करना: बर्बाद करना, इज्जत खराब करना। * उदाहरण: तुमने तो मेरा नाम मिट्टी में मिला दिया।
मुँह काला करना: कलंक लगाना, बदनाम करना। * उदाहरण: तुमने ऐसा काम करके अपना मुँह काला कर लिया।
मुँह में राम बगल में छुरी: कपटी व्यक्ति। * उदाहरण: वह ऐसा है कि मुँह में राम बगल में छुरी।
रंग उड़ना: डर जाना, घबरा जाना। * उदाहरण: पुलिस को देखकर उसके चेहरे का रंग उड़ गया।
रंग में भंग पड़ना: खुशी में बाधा आना। * उदाहरण: अचानक बारिश से शादी के रंग में भंग पड़ गया।
रफूचक्कर होना: भाग जाना। * उदाहरण: चोर पुलिस को देखते ही रफूचक्कर हो गए।
रूठी गंगा बहाना: प्रतिकूल काम करना। * उदाहरण: वह हमेशा रूठी गंगा बहाता है।
रोटी दाल चलाना: किसी तरह जीवनयापन करना। * उदाहरण: वह अपने परिवार के लिए मुश्किल से रोटी दाल चला रहा है।
लंगोटी में फाग खेलना: गरीबी में भी मौज मनाना। * उदाहरण: उसके पास पैसे नहीं, पर वह लंगोटी में फाग खेल रहा है।
लातों के भूत बातों से नहीं मानते: दुष्ट व्यक्ति समझाने से नहीं मानता। * उदाहरण: उसे समझाने की कोशिश मत करो, लातों के भूत बातों से नहीं मानते।
श्री गणेश करना: कार्य प्रारंभ करना। * उदाहरण: आज हम अपने नए व्यापार का श्री गणेश करेंगे।
सब्ज बाग दिखाना: झूठे प्रलोभन देना। * उदाहरण: उसने मुझे सब्ज बाग दिखाए और ठग लिया।
सूखे घास पर पानी डालना: व्यर्थ प्रयास करना। * उदाहरण: उस झगड़ालू व्यक्ति को समझाना सूखे घास पर पानी डालने जैसा है।
हाथ खींचना: सहायता न करना, अलग हो जाना। * उदाहरण: मुसीबत में उसने अपने हाथ खींच लिए।
महत्त्वपूर्ण लोकोक्तियाँ
अंधों में काना राजा: मूर्खों के बीच कम पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी ज्ञानी माना जाता है।
उदाहरण: इस गाँव में कोई पढ़ा-लिखा नहीं है, इसलिए दशरथ ही अंधों में काना राजा बना हुआ है।
अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता: अकेला व्यक्ति बड़ा काम नहीं कर सकता।
उदाहरण: मुझे पता है, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता, इसलिए मुझे आपकी मदद चाहिए।
अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत: समय निकल जाने पर पछताने से कोई फायदा नहीं।
उदाहरण: परीक्षा में फेल होने के बाद अब रोने से क्या फायदा, अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।
अपनी करनी पार उतरनी: अपने काम का फल खुद भोगना पड़ता है।
उदाहरण: दूसरों पर निर्भर मत रहो, क्योंकि अपनी करनी पार उतरनी।
आगे कुआँ पीछे खाई: दोनों ओर मुसीबत।
उदाहरण: नौकरी छोड़ूँ तो बेरोजगारी, न छोड़ूँ तो शोषण, मेरे लिए तो आगे कुआँ पीछे खाई वाली स्थिति है।
आम के आम गुठलियों के दाम: दोहरा लाभ होना।
उदाहरण: पुरानी गाड़ी बेचकर नई लेना, यह तो आम के आम गुठलियों के दाम वाली बात हुई।
आसमान से गिरा खजूर में अटका: एक मुसीबत से निकलकर दूसरी मुसीबत में फँसना।
उदाहरण: एक बीमारी से उबरे नहीं थे कि दूसरी आ गई, ये तो आसमान से गिरा खजूर में अटका।
एक अनार सौ बीमार: एक चीज़ के अनेक ग्राहक।
उदाहरण: यह एक ही सरकारी नौकरी है और उस पर एक अनार सौ बीमार हैं।
एक हाथ से ताली नहीं बजती: झगड़ा दोनों तरफ से होता है।
उदाहरण: तुम अकेले उसे दोष मत दो, एक हाथ से ताली नहीं बजती।
ऊँट के मुँह में जीरा: बहुत कम वस्तु।
उदाहरण: इतने बड़े परिवार के लिए एक कटोरी चावल ऊँट के मुँह में जीरा है।
ऊँची दुकान फीका पकवान: केवल दिखावा होना, गुणवत्ता न होना।
उदाहरण: उस होटल का नाम बहुत सुना था, पर ऊँची दुकान फीका पकवान निकला।
कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली: दो व्यक्तियों की स्थिति में बहुत अंतर होना।
उदाहरण: तुम अपनी तुलना उससे मत करो, कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली।
कंगाली में आटा गीला: मुसीबत पर और मुसीबत आना।
उदाहरण: पहले ही नौकरी छूटी थी, अब बीमारी ने घेर लिया, यह तो कंगाली में आटा गीला वाली बात हो गई।
कौड़ी के तीन होना: बहुत सस्ता होना, तुच्छ होना।
उदाहरण: आजकल तो महंगाई में सब कुछ कौड़ी के तीन हो गया है।
खोदा पहाड़ निकली चुहिया: अधिक परिश्रम करने पर भी बहुत कम लाभ होना।
उदाहरण: उसने इतनी मेहनत की पर मिला कुछ नहीं, खोदा पहाड़ निकली चुहिया।
गधा खेत खाए, जुलाहा पीटा जाए: कोई गलती करे और सज़ा दूसरे को मिले।
उदाहरण: गलती तुमने की और सज़ा मुझे मिल रही है, ये तो गधा खेत खाए, जुलाहा पीटा जाए वाली बात है।
घर का भेदी लंका ढाए: आपस की फूट से हानि होती है।
उदाहरण: उसकी गद्दारी से ही हमें हार मिली, सच है घर का भेदी लंका ढाए।
चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात: थोड़े समय का सुख।
उदाहरण: उसकी अमीरी चार दिन की चाँदनी है, जल्द ही खत्म हो जाएगी।
चोर चोर मौसेरे भाई: एक जैसे स्वभाव या पेशे वाले लोग।
उदाहरण: वे दोनों हमेशा साथ रहते हैं, क्योंकि चोर चोर मौसेरे भाई हैं।
छछूंदर के सर में चमेली का तेल: अयोग्य व्यक्ति द्वारा अच्छी वस्तु का उपयोग करना।
उदाहरण: वह इस पद के लायक नहीं, उसके हाथ में इतनी बड़ी शक्ति, ये तो छछूंदर के सर में चमेली का तेल वाली बात है।
जल में रहकर मगर से बैर: जहाँ रहना, वहीं के शक्तिशाली से दुश्मनी मोल लेना।
उदाहरण: नौकरी यहीं करनी है और बॉस से दुश्मनी मोल ले रहे हो, जल में रहकर मगर से बैर ठीक नहीं।
जिसकी लाठी उसकी भैंस: बलवान व्यक्ति की ही चलती है।
उदाहरण: आज के समय में जिसकी लाठी उसकी भैंस है।
जितनी चादर उतनी पैर फैलाओ: आय के अनुसार ही खर्च करना चाहिए।
उदाहरण: हमेशा अपनी आय का ध्यान रखो, जितनी चादर उतनी पैर फैलाओ।
जितने मुँह उतनी बातें: जितने लोग उतनी अलग-अलग राय।
उदाहरण: इस मामले में जितने मुँह उतनी बातें हैं।
जहाँ चाह वहाँ राह: यदि कुछ करने की इच्छा हो तो मार्ग मिल ही जाता है।
उदाहरण: उसने अपनी मेहनत से यह साबित कर दिया कि जहाँ चाह वहाँ राह।
जैसी करनी वैसी भरनी: जैसा करोगे वैसा फल मिलेगा।
उदाहरण: तुमने उसे धोखा दिया, अब भुगतो, जैसी करनी वैसी भरनी।
ढेर करना: मार डालना।
उदाहरण: शिकारी ने बाघ को एक ही वार में ढेर कर दिया।
तवेली की बला बंदर के सिर: गलती कोई और करे और इल्ज़ाम किसी और पर आए।
उदाहरण: तोड़फोड़ उसने की और दोष मुझ पर आया, ये तो तवेली की बला बंदर के सिर वाली बात है।
थोथा चना बाजे घना: कम गुण वाला व्यक्ति अधिक दिखावा करता है।
उदाहरण: वह ज़्यादा बातें करता है पर काम कुछ नहीं करता, थोथा चना बाजे घना।
दूध का जला छाछ भी फूँक-फूँक कर पीता है: एक बार धोखा खाने वाला व्यक्ति हर काम सावधानी से करता है।
उदाहरण: उसने एक बार शेयर बाजार में नुकसान उठाया है, अब दूध का जला छाछ भी फूँक-फूँक कर पीता है।
दूर के ढोल सुहावने: दूर से कोई चीज़ अच्छी लगती है।
उदाहरण: उसकी नौकरी अच्छी लगती है, पर दूर के ढोल सुहावने होते हैं।
धोबी का कुत्ता, न घर का न घाट का: कहीं का न रहना।
उदाहरण: उसने नौकरी भी छोड़ दी और व्यापार भी नहीं चला, वह धोबी का कुत्ता बन गया।
नाच न जाने आँगन टेढ़ा: काम न आने पर बहाना बनाना।
उदाहरण: खुद को गाना नहीं आता और कह रहा है माइक खराब है, ये तो नाच न जाने आँगन टेढ़ा।
न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी: ऐसी शर्त रखना जो कभी पूरी न हो और काम टल जाए।
उदाहरण: तुमने इतनी कठिन शर्तें रखी हैं कि न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी।
नेकी कर दरिया में डाल: भलाई करके भूल जाओ।
उदाहरण: किसी की मदद करने के बाद नेकी कर दरिया में डाल, फल की चिंता मत करो।
पगड़ी बदलना: पक्के दोस्त बनना। (मुहावरा भी)
उदाहरण: उन दोनों ने पगड़ी बदल ली है।
पाँव उखड़ना: हार मान लेना या हिम्मत टूट जाना।
उदाहरण: दुश्मन सेना के पाँव उखड़ गए।
पानी में रहकर मगर से बैर: जहाँ रहना, वहाँ के मालिक से दुश्मनी करना। (जल में रहकर मगर से बैर के समान)
उदाहरण: तुम अपने बॉस से झगड़ा कर रहे हो, पानी में रहकर मगर से बैर ठीक नहीं।
बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से खाए: जैसा कर्म करोगे वैसा ही फल मिलेगा।
उदाहरण: तुमने बुरे काम किए हैं, अब फल भी बुरा ही मिलेगा, बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से खाए।
भागते भूत की लंगोटी ही सही: कुछ न मिलने से कुछ थोड़ा सा मिल जाना बेहतर है।
उदाहरण: काम पूरा तो नहीं हुआ, पर जितना मिला उतना ही सही, भागते भूत की लंगोटी ही सही।
मन चंगा तो कठौती में गंगा: यदि मन पवित्र है तो तीर्थयात्रा की आवश्यकता नहीं।
उदाहरण: तुम्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं, मन चंगा तो कठौती में गंगा।
मियाँ-बीबी राजी तो क्या करेगा काजी: जब दो लोग आपसी सहमति से काम करें तो तीसरा कुछ नहीं कर सकता।
उदाहरण: वे दोनों शादी के लिए राजी हैं, तो मियाँ-बीबी राजी तो क्या करेगा काजी।
मुँह में राम बगल में छुरी: कपटी व्यक्ति, बाहर से अच्छा पर भीतर से बुरा।
उदाहरण: वह ऐसा है कि मुँह में राम बगल में छुरी।
ये मुँह और मसूर की दाल: अपनी हैसियत से बढ़कर बात करना।
उदाहरण: तुम इतनी बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हो, ये मुँह और मसूर की दाल!
लोहे के चने चबाना: बहुत कठिन काम करना।
उदाहरण: सरकारी परीक्षा पास करना लोहे के चने चबाने जैसा है।
सौ सुनार की एक लोहार की: अनेक छोटी-छोटी बातों से एक बड़ी और निर्णायक बात का अधिक प्रभाव होना।
उदाहरण: उसकी छोटी-छोटी धमकियाँ काम नहीं करतीं, एक बार में ही ऐसा काम करो कि सौ सुनार की एक लोहार की।
हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और: कथनी और करनी में अंतर।
उदाहरण: उसके बोल कुछ और काम कुछ और होते हैं, ये तो हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और वाली बात है।
होनहार बिरवान के होत चिकने पात: होनहार बालक के लक्षण बचपन में ही दिखाई देने लगते हैं।
उदाहरण: छोटी उम्र में ही वह इतना होशियार है, सच है होनहार बिरवान के होत चिकने पात।
हींग लगे न फिटकरी, रंग चोखा आए: बिना खर्च या मेहनत के अच्छा परिणाम मिलना।
उदाहरण: यह काम बिना किसी लागत के हो गया, हींग लगे न फिटकरी, रंग चोखा आए।
काला अक्षर भैंस बराबर: अनपढ़ होना। (मुहावरा भी)
उदाहरण: उसे कुछ भी दिखाओ, उसके लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर है।
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