➡️संज्ञा(Noun)की परिभाषा

संज्ञा उस विकारी शब्द को कहते है, जिससे किसी विशेष वस्तु, भाव और जीव के नाम का बोध हो, उसे संज्ञा कहते है।

जैसे- प्राणियों के नाम- मोर, घोड़ा, अनिल, किरण, जवाहरलाल नेहरू आदि।

वस्तुओ के नाम- अनार, रेडियो, किताब, सन्दूक, आदि।

स्थानों के नाम- कुतुबमीनार, नगर, भारत, मेरठ आदि

भावों के नाम- वीरता, बुढ़ापा, मिठास आदि

➡️संज्ञा के भेद

संज्ञा के पाँच भेद होते है-
(1)व्यक्तिवाचक (Proper noun )
(2)जातिवाचक (Common noun)
(3)भाववाचक (Abstract noun)
(4)समूहवाचक (Collective noun)
(5)द्रव्यवाचक (Material noun)

👉(1)व्यक्तिवाचक संज्ञा:-जिस शब्द से किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नाम का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे-
व्यक्ति का नाम-रवीना, सोनिया गाँधी, श्याम, हरि, सुरेश, सचिन आदि।

वस्तु का नाम- कार, टाटा चाय, कुरान, गीता रामायण आदि।

स्थान का नाम-ताजमहल, कुतुबमीनार, जयपुर आदि।

दिशाओं के नाम- उत्तर, पश्र्चिम, दक्षिण, पूर्व।

देशों के नाम- भारत, जापान, अमेरिका, पाकिस्तान, बर्मा।

राष्ट्रीय जातियों के नाम- भारतीय, रूसी, अमेरिकी।

समुद्रों के नाम- काला सागर, भूमध्य सागर, हिन्द महासागर, प्रशान्त महासागर।

नदियों के नाम- गंगा, ब्रह्मपुत्र, बोल्गा, कृष्णा, कावेरी, सिन्धु।

पर्वतों के नाम- हिमालय, विन्ध्याचल, अलकनन्दा, कराकोरम।

नगरों, चौकों और सड़कों के नाम- वाराणसी, गया, चाँदनी चौक, हरिसन रोड, अशोक मार्ग।

पुस्तकों तथा समाचारपत्रों के नाम- रामचरितमानस, ऋग्वेद, धर्मयुग, इण्डियन नेशन, आर्यावर्त।

ऐतिहासिक युद्धों और घटनाओं के नाम- पानीपत की पहली लड़ाई, सिपाही-विद्रोह, अक्तूबर-क्रान्ति।

दिनों, महीनों के नाम- मई, अक्तूबर, जुलाई, सोमवार, मंगलवार।

त्योहारों, उत्सवों के नाम- होली, दीवाली, रक्षाबन्धन, विजयादशमी।

👉(2) जातिवाचक संज्ञा :- जिस शब्द से एक जाति के सभी प्राणियों अथवा वस्तुओं का बोध हो, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।

बच्चा, जानवर, नदी, अध्यापक, बाजार, गली, पहाड़, खिड़की, स्कूटर आदि शब्द एक ही प्रकार प्राणी, वस्तु और स्थान का बोध करा रहे हैं। इसलिए ये ‘जातिवाचक संज्ञा’ हैं।

जैसे- लड़का, पशु-पक्षयों, वस्तु, नदी, मनुष्य, पहाड़ आदि।

👉(3)भाववाचक संज्ञा :-थकान, मिठास, बुढ़ापा, गरीबी, आजादी, हँसी, चढ़ाई, साहस, वीरता आदि शब्द-भाव, गुण, अवस्था तथा क्रिया के व्यापार का बोध करा रहे हैं। इसलिए ये ‘भाववाचक संज्ञाएँ’ हैं।

जैसे- उत्साह, ईमानदारी, बचपन, आदि । इन उदाहरणों में ‘उत्साह’ से मन का भाव है। ‘ईमानदारी’ से गुण का बोध होता है। ‘बचपन’ जीवन की एक अवस्था या दशा को बताता है। अतः उत्साह, ईमानदारी, बचपन, आदि शब्द भाववाचक संज्ञाए हैं।

👉भाववाचक संज्ञाएँ बनाना

भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण जातिवाचक संज्ञा, विशेषण, क्रिया, सर्वनाम और अव्यय शब्दों से बनती हैं। भाववाचक संज्ञा बनाते समय शब्दों के अंत में प्रायः पन, त्व, ता आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

👉(1) जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना

जातिवाचक संज्ञाभाववाचक संज्ञाा
स्त्री-स्त्रीत्व
मनुष्य-मनुष्यता
शास्त्र-शास्त्रीयता
पशु-पशुता
दनुज-दनुजता
पात्र-पात्रता
लड़का-लड़कपन
दास-दासत्व
अध्यापक-अध्यापन

👉(2) विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना

विशेषणभाववाचक संज्ञा
लघु-लघुता, लघुत्व, लाघव
एक-एकता, एकत्व
खट्टा-खटाई
परिश्रमी-परिश्रम
गंभीर-गंभीरता, गांभीर्य
स्पष्ट-स्पष्टता
अधिक-अधिकता, आधिक्य
सर्द-सर्दी
मीठा-मिठास
सफेद-सफेदी
मूर्ख-मूर्खता

👉(3) क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाना

क्रियाभाववाचक संज्ञा
खोजना-खोज
जीतना-जीत
लड़ना-लड़ाई
चलना-चाल, चलन
देखना-दिखावा, दिखावट
सींचना-सिंचाई
पहनना-पहनावा
लूटना-लूट
घटना-घटाव

👉(4) संज्ञा से विशेषण बनाना

संज्ञाविशेषण
अंत-अंतिम, अंत्य
अवश्य-आवश्यक
अभिमान-अभिमानी
इच्छा-ऐच्छिक
ईश्र्वर-ईश्र्वरीय
उन्नति-उन्नत
काम-कामी, कामुक
कुल-कुलीन

👉(5) क्रिया से विशेषण बनाना

क्रियाविशेषणक्रियाविशेषण
लड़ना-लड़ाकूभागना-भगोड़ा
अड़ना-अड़ियलदेखना-दिखाऊ
लूटना-लुटेराभूलना-भुलक्कड़
पीना-पियक्कड़तैरना-तैराक
जड़ना-जड़ाऊगाना-गवैया
पालना-पालतूझगड़ना-झगड़ालू
टिकना-टिकाऊचाटना-चटोर
बिकना-बिकाऊपकना-पका

👉(6) सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना

सर्वनामभाववाचक संज्ञासर्वनामभाववाचक संज्ञा
अपना-अपनापन /अपनावमम-ममता/ ममत्व
निज-निजत्व, निजतापराया-परायापन
स्व-स्वत्वसर्व-सर्वस्व
अहं-अहंकारआप-आपा

👉(7) क्रिया विशेषण से भाववाचक संज्ञा

मन्द- मन्दी;
दूर- दूरी;
तीव्र- तीव्रता;
शीघ्र- शीघ्रता इत्यादि।

👉(8) अव्यय से भाववाचक संज्ञा

परस्पर- पारस्पर्य;
समीप- सामीप्य;
निकट- नैकट्य;
शाबाश- शाबाशी;
वाहवाह- वाहवाही
धिक्- धिक्कार
शीघ्र- शीघ्रता

👉(4)समूहवाचक संज्ञा :- जिस संज्ञा शब्द से वस्तुअों के समूह या समुदाय का बोध हो, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते है।
जैसे- व्यक्तियों का समूह- भीड़, जनता, सभा, कक्षा; वस्तुओं का समूह- गुच्छा, कुंज, मण्डल, घौद।

👉(5)द्रव्यवाचक संज्ञा :- जिन संज्ञा शब्दों से किसी धातु, द्रव या पदार्थ का बोध हो, उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है।
जैसे- ताम्बा, पीतल, चावल, घी, तेल, सोना, लोहा आदि।

Samanya Hindi Practice Set sangya संज्ञा 

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